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अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधः गिरोह का सरगना गिरफ्तार, क्रिप्टो करेंसी को दोगुना करने का देता था झांसा

अब तक विभिन्न लोगों को झांसा देकर करोड़ों रुपये उगाहे, फर्जी कंपनी बनाया था, गिरोह में कई लोग शामिल

नोएडा। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट की साइबर अपराध शाखा की पुलिस ने एक ऐसे साइबर अपराध गिरोह के कथित सरगना को गिरफ्तार किया है जो लोगों के क्रिप्टो करेंसी को दोगुना करने का झांसा देकर रकम की उगाही करता था। इस गिरोह के तार चीन के साइबर अपराधियों से जुड़े हैं। यहीं पकड़ा गया प्रशांत बकायदा यहां फर्जी कंपनियों का गठन भी किया था।

क्या है मामला

पूर्वांचल सिल्वर सिटी अपार्टमेन्ट सेक्टर 93, नोएडा के निवासी नितीश लाम्बा ने इसी साल 7 अप्रैल को साइबर सेल थाना सेक्टर 36 नोएडा में तहरीर दी थी कि उनके BTC Analysis नाम के व्हाट्स एप ग्रुप में जोड़कर क्रिप्टो करेंसी को दोगुना कराने के नाम पर कुछ लोगों ने धोखाधड़ी कर 13 लाख 73 हजार 300 रुपये जमा करा लिए हैं। पुलिस ने इस मामले को गंभीरत से लिया और इस मामले को मुकदमा अपराध संख्या 16/2022 धारा 406/420 भादवि व 66 डी आईटी एक्ट के तहत साइबर क्राइम थाना सेक्टर 36, नोएडा में दर्ज कर लिया गया। इस मामले की जब छानबीन शुरू हुई तो कुछ और नए तथ्यों सामने आए। पुलिस ने साक्ष्यों के आधार पर मुकदमें धारा 467/468/471/120 बी भादवि को भी जोड़ लिया। मामले की छानबीन में प्रशान्त सिंह का नाम सामने आया और उसकी इसमें संलिप्तता पाई गई। फिर जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती गई इसमें अक्षत डी कुशवाहा, आशुतोष तिवारी, मिलिन्द सिंह यादव के भी नाम सामने आए। इन्हें इस मामले में सह अभियुक्त बनाया गया था और इन्हें पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

अपराध करने का तरीका

आरोपी प्रशान्त सिंह ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वे लोग बोगस कंपनियां खुलवाकर उनके बैंक खातों मे ट्रेडिंग के नाम पर धोखाधड़ी से रुपये जमा कराते हैं।

चीन के साइबर अपराधियों से जुड़ा मामला

प्रशांत ने पुलिस को बताया कि क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से चीन से जुड़े अभियुक्तों के साथ मिलकर नीतीश लाम्बा से लगभग 15 लाख रुपये कई बोगस कम्पनियों के बैंक खातों में जमा कराए गए। इसमें इको ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड गुरुग्राम, हरियाणा के COO गौरव जोशी और आकाश गर्ग कम्पनी सेक्रेटरी जयपुर राजस्थान के साथ मिलकर एक नई कंपनी ग्रीन ट्रुथ टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड बनाई गई। इस कंपनी में अक्षय, आशुतोष आदि को डायरेक्टर बनाकर लोगों से क्रिप्टो करेंसी को दोगुना करने का लालच देकर धोखाधड़ी कर रुपये जमा कराते थे। इस तरह वे विभिन्न लोगों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी अब तक कर चुके हैं।

क्या हुआ बरामद

गिरफ्तार किए गए साइबर अपराध गिरोह के कथित सरगना प्रशांत से मोबाइल फोन बरामद हुआ है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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