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न्यायः गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दी 10 साल कारावास की सजा, 5 लाख जुर्माना भी लगाया

वर्ष 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की हुई थी हत्या, मुख्तार व अफजाल के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत दर्ज हुआ थी मुकदमा

लखनऊ। मऊ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से कभी विधायक रहे माफिया मुख्तार अंसारी को गाजीपुर जिले की एमपी एमएलए कोर्ट ने गैंगेस्टर एक्ट में दस साल का कारावास और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। वर्ष 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में वर्ष 2007 में मुख्तार व अफजाल के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था।

रोकी गई ट्रैफिक

जिला प्रशासन ने सजा सुनाए जाने के मौके पर सुरक्षा की तगड़ी व्यवस्था की थी। सुबह होते ही गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय के बाहर अदालत की ओर जाने वाले मार्ग को बैरिकेडिंग कर ट्रैफिक को रोक दिया गया था। इसके अलावा मार्ग में जगह-जगह पीएसी और पुलिस बल को तैनात किया गया ता। अदालत के फैसले को सुनने के लिए मुख्तार अंसारी के भाई एवं गाजीपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद अफजाल अंसारी पूर्वाह्न पौने 11 बजे कोर्ट में पहुंच गए थे। मुख्तार अंसारी बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े और फैसले को सुना।

अफजाल को चार साल की सजा

ग़ाज़ीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने कृष्णानन्द राय हत्याकांड में गैंगेस्टर एक्ट में ग़ाज़ीपुर से सांसद अफजाल अंसारी को चार साल कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है। सजा के बाद अफजाल अंसारी की लोकसभा की सदस्यता रद होना तय है। इससे पहले अदालत ने मुख्तार अंसारी के सांसद भाई अफजाल अंसारी के मामले में फैसले को सुरक्षित कर लिया था। दोपहर बाद दोबारा अदालत बैठने पर यह सजा सुनाई गई। गौरतलब है कि वर्ष 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की हत्या मुहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के बसनिया चट्टी में कर दी गई थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी के खिलाफ वर्ष 2007 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था। अफजाल जमानत पर जेल से बाहर हैं जबकि मुख्तार जेल में बंद है।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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