न्यायः मंत्री राकेश सचान को एक साल की सजा और डेढ़ हजार रुपये जुर्माना
साथ ही जमानत मिली, जेल जाने से बचे, पुराने मामले में कानपुर की स्थानीय अदालत ने सजा सुनाई
लखनऊ। योगी सरकार में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के मंत्री राकेश सचान को शस्त्र अधिनियम के करीब 31 साल पुराने मामले में कानपुर की एसीएमएम-3 की अदालत ने दोषी करार दिया। राकेश सचान ने अदालत में सोमवार को आत्मसमर्पण किया। सचान को अदालत ने एक साल की सजा सुनाई है। इसी के साथ ही उन पर एक हजार 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
शनिवार को ही दोषी करार दिए गए थे
राकेश सचान को शनिवार को ही दोषी करार दिया। सजा सोमवार को सुनाई गई है। मामला एसीएमएम आलोक यादव की अदालत में विचाराधीन था। फैसला आने से पहले मंत्री राकेश सचान अदालत पहुंचे। आरोप है कि दोषी करार दिए के बाद राकेश सचान मौके से चुपचाप खिसक लिए थे।
राकेश सचान को अपने नाना की बंदूक को बिना लाइसेंस के रखने का आरोप है। यह आरोप काफी पुराना है और मामला अदालत में लंबित था। सोमवार को एक साल का कारावास और 1500 जुर्माना लगाया,कोर्ट से सचान को जमानत मिली। राकेश सचान ने सोमवार सुबह अदालत में आत्मसमर्पण किया। सजा के के बाद ही उन्हें जमानत भी मिल गई।
इस मौके पर राकेश सचान ने कहा कि एसीएमएम की कोर्ट में वे पहुंचे थे। पुराने मामले में फैसला सुनाने की बात सामने आई थी। लेकिन अचानक तबीयत खराब होने पर वह चले गए थे। अगली तारीख के लिए एप्लिकेशन दी गयी है. जिसे जज ने रख लिया और फाइल लेकर मंत्री के भागने वाली बात गलत है।