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न्यायः लुटेरे को साढ़े सात साल की सजा, 11 हजार रुपये का जुर्माना भी देना होगा

शराब के ठेके के मालिक से की थी लूटपाट, उस पर किया था जानलेवा फायर, बाल-बाल बची थी जान, पैर में लगी थी गोली

ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर जिले की अपर सत्र न्यायाधीश मोना पवार की अदालत ने करीब आठ साल पहले हुई लूट और जानलेवा हमले के मामले में एक दोषी को साढ़े सात साल कैद की सजा और 11 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना नहीं भरने की सूरत में उसे एक महीन अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी।

क्या है मामला

नोएडा के थाना फेस-2 के तहत एनएसईजेड स्थित शराब ठेके के संचालक से लूटपाट और उसकी जान लेने की कोशिश में फायर करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश मोना पवार की अदालत ने आलोक कुमार को दोषी करार दिया। अदालत ने उसे साढ़े सात साल कैद और 11 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माने की राशि का भुगतान नहीं करने पर उसे एक महीने अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।

कब का है मामला

अभियोजन के अनुसार नोएडा के थाना फेस-2 के अंतर्गत एनएसईजेड शराब ठेके के संचालक से 4 नवंबर 2015 को आलोक कुमार ने अपने साथी के मिलकर लूटपाट की थी। आलोक कुमार ने शराब ठेका संचालक एमडी कुरेशी से उस समय लूटपाट जब शाम को वह ठेका बंदकर कर अपने घर जा रहे थे। आलोक ने  उनका बैग लूट छीन लिया और उस पर फायर किया था। इस फायरिंग में वे बाल-बाल बचे थे। गोली उसने बाएं पैर में लगी थी जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनकी तहरीर पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (जान से मारने का प्रयास) सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था। पुलिस न उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने आलोक के पास से लूटा गया बैग भी बरामद कर लिया था।

जुर्म कुबूल किया था

पुलिस ने आलोक को गिरफ्तार करने के बाद उसे जेल भेज दिया था। अदालत में उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था। सुनवाई के दौरान आरोपी आलोक कुमार ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया था। इसके बाद अपर सत्र न्यायाधीश मोना पवार ने आलोक कुमार को दोषी करार दिया और धारा 307 व 394 दोनों में साढ़े सात-सात वर्ष कारावास और और जुर्माने की सजा सुनाई। धारा 411 में तीन वर्ष कारावास और एक हजार रुपये का जुर्माने की सजा दी। जुर्माने की राशि जमा न करने पर 1 महीने अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। तीनों सजाएं एक साथ चलेंगी और जेल में बिताई गई अवधि इन सजाओं में शामिल होंगी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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