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न्यायः धर्म परिवर्तन नहीं करने पर महिला की कर दी थी हत्या, अब आजीवन रहना पड़ेगा जेल में

पहले अपने झूठे प्रेमजाल में फंसाया, फिर धर्म परिवर्तन के लिए बनाने लगा दबाव, अपने पति और परिवार को छोड़कर ब्वायफ्रेंड के साथ रहने लगी थी महिला

ग्रेटर नोएडा। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार मिश्र की अदालत ने एक महिला की हत्या उसी के बच्चों के सामने कर देने और धर्म परिवर्तन नहीं करने पर एक युवक युवक को उम्रकैद की और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि नहीं जमा करने पर उसे छह महीने अतिरिक्त जेल में सजा भुगतनी होगी।

क्या है मामला

अभियोजन के अनुसार थाना इको टेक-3 क्षेत्र के सुत्याना गांव निवासी राजू उर्फ सद्दाम ने करीब सात साल पहले मंजु को पहले अपने झूठे प्रेम जाल में फंसाया। मंजु दो बच्चों की मां थी। अपने झूठे प्रेम जाल में फंसाकर सद्दाम उसे सुत्याना गांव में लाया। मंजु अपने पति को छोड़कर सद्दाम के साथ चली गई थी। वह उसके साथ काफी दिनों तक साथ रही। फिर सद्दाम ने अपना रंग दिखाना शुरू किया और उसने मंजु पर धर्म परिवर्तन करने के लिए दवाब डालने लगा। मंजु धर्म परिवर्तन के लिए राजी नहीं हुई। इस मामले को लेकर सद्दाम और मंजु में अक्सर झगड़ा होने लगा। फिर सद्दाम ने 22 मार्च 2017 की रात में मंजु की चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी। जिस समय उसने मंजु की हत्या की उस समय उसके दोनों बच्चे उसके साथ ही थे। उन्हीं के सामने सद्दाम ने मंजु की हत्या कर दी थी।

सात साल तक चला मुकदमा

इस मामले में इको टेक-3 थाने की पुलिस ने सद्दाम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। फिर पुलिस ने अदालत में उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। इस मामले की अदालत में सात साल तक मुकदमा चला। गवाहों, सुबूतों को देखकर जिला न्यायालय ने सद्दाम को उम्रकैद और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि नहीं जमा करने पर सद्दाम 6 महीने की अतिरिक्त जल की सजा काटनी पड़ेगी। यह सजा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार मिश्र की अदालत ने सुनाई है।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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