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रखें ध्यानः लंबे समय तक अपना घर बंद रख लावारिस न छोड़ें वरना चोरों की पड़ सकती है निगाह

बंद घऱों की रेकी कर चोरी करने वाला गिरोह सक्रिय, गिरोह के पांच सदस्यों को पुलिस ने दबोचा, इनमें एक महिला भी शामिल

नोएडा। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट सेक्टर 58 की पुलिस ने एक ऐसे चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो अर्से से बंद पड़े लावारिस घरों की रेकी कर उसका सामान पार देता था। पुलिस ने इस गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक महिला भी शामिल है।

किन मकानों को गिरोह बनाता निशाना

यहां मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए नोएडा के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) हरीश चन्दर ने गिरोह, इसके सदस्यों और गिरोह के अपराध करने के तरीकों और उनके पास से बरामद वस्तुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह गिरोह बंद पड़े मकानों का ताला तोड़कर ज्वैलरी और कीमती सामानों की चोरी कर लेता था। थाना सेक्टर-58 की पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश तो किया ही है, उसने गिरोह के सक्रिय सदस्यों एक महिला समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

 

 

 

क्या हुआ गिरोह के सदस्यों से बरामद

उन्होंने बताया कि यह गिरोह अर्से से बंद पड़े लावारिस अवस्था में पड़े बंद मकानों को अपना निशाना बनाता था। पुलिस ने गिरोह के सदस्यों को छोटा डी पार्क सेक्टर-62, नोएडा से इन्हें गिरफ्तार किया। इनके कब्जे और निशांदेही पर नकद 3 लाख 46 हजार रुपये के नए नोट 74 हजार 500 रुपये के पुराने नोट, सोने और चांदी की ज्वैलरी, सिक्के, मोबाइल फोन, घरेलू बर्तन, कपड़े, देवी और देवताओं की मूर्तियां, विभिन्न देशों के सिक्के, यूरो, घड़ियां, विभिन्न मुकदमों से संबंधित और चोरी के सामान को ढोने में उपयोग किया जाने वाला ऑटो और चाकू बरामद हुए हैं।

कई टीमों का किया गया था गठन

डीसीपी ने बताया कि पकड़े गए लोगों ने कई थाना क्षेत्रों में चोरियां  हैं। इनके खुलासे के लिए पुलिस की कई टीमों का गठन किया गया था। इनको दबोचने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के माध्यम से डाटा एकत्र किया गया, पुलिस टीमों ने लगभग 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक किए और टीमों ने ऐसे अपराधियों का डोजियर चेक किया गया। बीट पुलिसिंग और लोकल इंटेलिजेंस के माध्यम से जानकारी एकत्र की गई तथा एकत्र जानकारी और गोपनीय सूचना के आधार पर इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

कैसे अपराध को अंजाम देते थे

उन्होंने बताया कि जिस गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है उनकी पहचान जुबैर, मशील, मो. मिन्हाज आलम, मुरसलीम उर्फ मुर्रु और गुलफसा के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि ये शातिर अपराधी हैं। ये सुनसान जगहों पर बन्द पड़े मकान की दिन में रैकी कर चिन्हित कर लेते थे। रात को उसी चिन्हित घर का ताला तोड़कर कीमती सामान तथा सोने/चांदी के जेवर चुरा लेते थे। चोरी किए गए सामान को ये सेक्टर-31 नोएडा में अपने साथी मुरसलीम उर्फ मुर्मु (कबाड़ी) को बेच देते थे। सोने और चांदी के सामान को अपने पास भी रख लेते थे।

पूछताछ में क्या बताए

उन्होंने बताया कि पूछताछ से पुलिस को जानकारी मिली कि इनसे बरामद चांदी, सोने, के सामान, कपड़े, घडियां, मोबाइल को वे आपस में मिलकर नोएडा के अलग-अलग जगहों से बंद फ्लैटों से चुराये हैं। एक बैग में पेचकस, कटर, ड्रिल मशीन, शीशा काटने वाले कटर, गैस कटर आदि सामान भी मिले हैं। इसी सामानों से ये चारों मकानों के ताले तोड़कर, गेट ग्रिल काटकर मकान के अन्दर घुस जाते थे और जो भी सामान मिलता उसे चुरा लेते थे।

कहां के रहने वाले हैं आरोपी

डीसीपी ने बताया कि पकड़े आरोपियों में जुबैर (27 वर्ष करीब) नई आबादी, कस्बा दादरी का निवासी है। वह वर्तमान में ब्लाक 67, म.नं. -2 सी, जनता फ्लैट, सेक्टर-122, थाना फेस-3, नोएडा में रहता था। मशील (उम्र-करीब 20 वर्ष) ग्राम हरवा चौक, थाना जोकी हार, जिला अररिया, बिहार का मूल निवासी है। वर्तमान में वह ब्लाक 67, म.नं.-2 सी, जनता फ्लैट, सेक्टर-122, थाना फेस-3, नोएडा में रहता था। मो. मिन्हाज आलम (उम्र करीब 21 वर्ष) ग्राम माधवपुर, थाना छतरपुर, जिला सुपोल बिहार का मूल निवासी है। वह वर्तमान में ग्राम निठारी, थाना सेक्टर-20, नोएडा में रहता था। मुरसलीम उर्फ मुर्रु (उम्र करीब 30 वर्ष) निवासी मोहल्ला पठानों वाला, ईदगाह के पास, कस्बा व थाना मुरादनगर, जिला गाजियाबाद का रहने वाला है। वर्तमान में वह सतीश का मकान, ग्राम निठारी, थाना सेक्टर-20 नोएडा में रहता था। गुलफसा (उम्र करीब 22 वर्ष) ग्राम रानी, थाना जौकी, जिला अररिया, बिहार की निवासी है। वह वर्तमान में जयपाल का मकान, मोहल्ला किशनपुरा दामला, यमुनानगर, बिहार, हरियाणा में रहती थी।

जुबैर के खिलाफ चोरी सहित विभिन्न आपराधिक धाराओं में विभिन्न थानों में एक दर्जन से अधिक मुकदमें दर्ज हैं। मशील के खिलाफ एक दर्जन, मिन्हाज आलम के खिलाफ 11 मुकदमें, मुरसलीम उर्फ मुर्रू के खिलाफ दस और गुलफसा के खिलाफ दस मुकदमें दर्ज हैं।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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