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रखा ध्यानः भीषण गर्मी में पोस्टमार्टम हाउस में आने वालों की भी आई याद, यहां नहीं था पीने के पानी का इंतजाम

भीषण गर्मी में पीने के लिए मिले ठंडा पानी, इसे ध्यान में रखकर पोस्टमार्टम हाउस में लगवाया वाटर कूलर, डाक्टर भी श्मशान घाट से लाकर पानी पीते थे

नोएडा। चिलचिलाती धूप और गर्मी में श्री चित्रगुप्त सभा ट्रस्ट नोएडा और श्री नारायण सांस्कृतिक चेतना न्यास ने पोस्टमार्टम हाउस आने वाले लोगों का ख्याल रखा। उन्हें पीने के लिए ठंडा पानी मिले, इसके लिए यहां वाटर कूलर लगवा दिया। अब वाटर कूलर लगने से लोगों को पीने के पानी की समस्या का समाधान हो गया है।

किसने लगवाया वाटर कूलर

नोएडा के सेक्टर 94 स्थित पोस्टमार्टम हाउस में आने वाले लोगों को भीषण गर्मी में पीने के लिए ठंडा और साफ पानी मिले, इसके लिए श्री चित्रगुप्त सभा ट्रस्ट नोएडा और श्री नारायण सांस्कृतिक चेतना न्यास के मुख्य न्यासी राजन श्रीवास्तव ने परिसर में वाटर कूलर लगवाया है। इसका शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुनील कुमार शर्मा ने उद्घाटन किया। इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जैस लाल भी मौजूद थे। दोनों ने ही वाटर कूलर लगवाने के लिए संस्था के काम की सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्था का सहयोग पहले भी मिलता रहा है। उनके द्वारा परिसर में सबमर्सिबल लगवाया गया था। इस बार वाटर कूलर लगवाया गया है। इससे लोगों को ठंडा पानी मिलेगा। उन्हें पानी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। उन्होंने संबंधित कर्मचारियों को वाटर कूलर के समुचित रखरखाव के निर्देश भी दिए हैं। वहीं राजन श्रीवास्तव ने कहा कि मैं, अपने आपको को सौभाग्यशाली समझता हूं कि उन्हें परिसर में वाटर कूलर लगाने का अवसर मिला। स्वास्थ्य विभाग से उम्मीद है कि इसका रखरखाव सही ढंग से करेंगे।

नहीं था पीने के पानी का इंतजाम

गौरतलब है कि पोस्टमार्टम हाउस में प्रतिदिन औसतन आठ शव पोस्टमार्टम के लिए आते हैं। शव को लेने के लिए उनसे जुड़े रहे लोग भी आते हैं। एक तो अपने परिजन के मौत वे वैसे ही दुखी रहते हैं ऊपर से पीने के लिए पानी का यहां इसके पहले कोई इंतजाम ही नहीं था। यहां जो पहले वाटर कूलर लगा था वह अर्से से खराब पड़ा है। उसकी मरम्मत कराना अधिकारियों ने उचित नहीं समझा था। यहां आने वाले लोगों को ठंडा पानी खरीदकर पीना पड़ती था। कर्मचारी और पोस्टमार्टम में लगे डॉक्टर भी मजबूरन बगल के श्मशान घाट से पानी लाकर पीने को मजबूर थे। यहां पानी की समस्या होने के कारण डॉक्टर से लेकर कर्मचारियों को पोस्टमॉर्टम करने में परेशानी हो रही थी। अब नया वाटर कूलर लग जाने से उनकी यह परेशानी दूर हो गई है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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