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किसान आंदोलनः किसानों ने मुख्यमंत्री से मिलने के लिए समय मांगा, सीएम को अपनी व्यवस्था बताएंगे

महापड़ाव (धरने) के 59 वें दिन जिलाधिकारी से मिले किसान, प्रशासन की मंशा पर उठाए सवाल, जेल में बंद किसानों को बिना रिहा करने व समस्याओं के निराकरण की मांग

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पर पिछले 59 दिनों से महापड़ाव (धरना) डाले किसानों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने का समय मांगा है। वे मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें अपनी व्यवस्था बताना चाहते हैं। मुख्यमंत्री के यहां 25 जून को आने की संभावना है। आंदोलनकारी किसान मुख्यमंत्री को बताना चाहते हैं कि प्राधिकरण किस तरह उन्हें विभिन्न मामलों में गलत जानकारी दे रहे हैं। इससे किसानों की समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है।

जिलाधिकारी से मिले किसान

दूसरी ओर आंदोलनकारी किसान आज बृहस्पतिवार को जिला अधिकारी मनीष कुमार वर्मा से मिले। उन्होंने जिलाधिकारी से किसानों की समस्याओं के समाधान, मुद्दों और मांगों को पूरा करने की मांग की। उन्होंने  जेल में बंद किसानों की बिना शर्त रिहाई और कथित पुलिस दमन पर उनसे जवाब भी मांगा। प्रतिनिधिमंडल में किसान सभा के केंद्रीय महा सचिव बीजू कृष्णन, वित्त सचिव पी कृष्णा प्रसाद, पुष्पेंद्र त्यागी के साथ किसान सभा की जिला कमेटी के सदस्य हरिंदर खारी, नरेंद्र भाटी, जगबीर नंबरदार, रणबीर मास्टर जी, सीटू के जिला अध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा, उपाध्यक्ष मुकेश कुमार राघव शामिल थे। जिलाधिकारी से बातचीत में उन्होंने जेल में बंद किसान नेताओं की तुरंत रिहाई की मांग की और साथ ही किसानों की तमाम लंबित मांगो पर भी तुरंत प्रभाव से समाधान निकालने के लिए कदम उठाने को कहा। किसान नेताओं ने 25 जून को जिले में आ रहे मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी मांगों का ज्ञापन देने के  लिए समय की मांग की।

जिलाधिकारी ने भरोसा दिलाया

जिला अधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल को जानकारी दी कि कुछ विषयों पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करते हुए कमेटी बनाने का निर्णय लिया जा चुका है।  और आज ही  अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों और समस्याओं पर प्रशासन गंभीर है।

जिलाधिकारी से बातचीत के बाद धरनास्थल पर किसान सभा के महासचिव विजू कृष्णन ने धरने पर बैठे किसानों को जिलाधिकारी से हुई चर्चाओं की जानकारी दी। उन्होंने गौतमबुद्ध नगर के किसानों को बधाई देते हुए बताया कि पूरे देश में किसान भूमि के सवालों पर संघर्षरत हैं और गौतमबुद्ध नगर के किसानों का यह संघर्ष पूरे देश को एक नई राह दिखा रहा है। किसान सभा के वित्तीय सचिव पी कृष्णा प्रसाद ने धरने को संबोधित करते हुए कहा के किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को कोई ताकत हरा नहीं सकती और किसानों की जीत निश्चित है। बस, जरूरत है तो निर्भीक होकर लगातार संघर्ष करते रहने की जो कि क्षेत्र की जनता कर रही है।

धरना के मजबूत होने का दावा

अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में किसानों व भूमिहीनों लंबित मुद्दों के निराकरण को लेकर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पर 59वें दिन भी किसानों का धरना (महापड़ाव) मजबूती से जारी रहा। बड़ी संख्या में महिलाएं धरने पर डटी हुई हैं। आंदोलन के बारे में भ्रम फैलाने की तमाम कोशिशों के बावजूद धरना और मजबूत होने का दावा किसान नेताओं ने किया है।

आज के धरने की अध्यक्षता ब्रह्म सिंह नंबरदार ने की। संचालन सतीश यादव ने किया। धरने को जोगिंद्र प्रधान, प्रकाश प्रधान, रंगी लाल, अजय पाल भाटी, सूबे यादव और अशोक आर्य आदि ने संबोधित किया।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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