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किसान आंदोलनः दिल्ली में किसानों की महापंचायत में शामिल होने नोएडा से गए किसान

किसानों व सरकार की वार्ता विफल, तीन सप्ताह बाद फिर बड़े आंदोलन की आहट, किसान नेता कृषि मंत्री से नाराज

नोएडा। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित किसानों की महापंचायत में शामिल होने के लिए गौतमबुद्ध नगर जिले से भी सैकड़ों किसान रवाना हुए। महापंचायत में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न राज्यों से किसान गए हुए हैं। वहीं फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दे पर किसानों और सरकार के बीच पेंच फंस गया है। सरकार और किसानों की बैठक में आम सहमति नहीं बन पाने पर किसान नेता कृषि मंत्री से नाराज हो गए हैं।

किसान-सरकार वार्ता विफल

किसानों की मांगों के मुद्दे पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बीच हुई बैठक असफल हो गई है। बैठक से वापस लौटने पर किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने कहा कि सरकार बिना आंदोलन के फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं देगी।

बैठक में इन पर हुई चर्चा

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ किसानों की बैठक में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी कानून, शहीद किसानों के परिवारों को लंबित मुआवजा, किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए गए, अजय मिश्रा टेनी को मंत्रिमंडल से हटाने तथा विद्युत संशोधन विधेयक जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।

बड़े आंदोलन की चेतावनी

किसान प्रतिनिधियों की केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ हुई बैठक के बाद किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने दो टूक कहा कि सरकार बड़े आंदोलन के बिना हमें एमएसपी नहीं देगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हमारी बात नहीं मानी गई तो आने वाले तीन सप्ताह बड़ा आंदोलन किसान करेंगे।

एमएसपी कमेटी नहीं, कानून चाहिए : टिकैत

दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई किसानों की महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ नेता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों ने एमएसपी कमेटी की मांग नहीं की है। हमारी मांग एमएसपी गारंटी कानून की मांग की है। हमने मुजफ्फरनगर में भाजपा को आठ सीटों से घटाकर एक सीट पर कर दिया। 2024 में पूरे देश में भाजपा का एक जैसा हश्र होगा। हम यहां केंद्र सरकार से मिलने आए हैं। मसले आपसी सहमति से सुलझाने चाहिए।

संसद में बिल हो पेश

राकेश टिकैत ने कहा कि फसलों के एमएसपी के लिए सरकार संसद में बिल लाए। इसके अलावा किसानों की विभिन्न लंबित मांगों और उनकी समस्याओं का निराकरण सर्वोच्च प्राथमिकता से हल किया जाना चाहिए। इस मुद्दे पर संयुक्त किसान मोर्चा देश भर में पंचायतों का आयोजन करेगा। इस पर किसानों की आम सहमति बनाकर आंदोलन तेज किया जाएगा।

हजारों पुलिसकर्मी थे तैनात

किसानों की महापंचायत के मद्देनजर किसी अप्रिय घटना से निपटने के लिए हजारों पुलिस कर्मचारी तैनात किए गए थे। इसी के साथ ही दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कई रास्तों को परिवर्तित कर दिया था।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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