किसान आंदोलन : सपा का प्रतिनिधिमंडल लुक्सर जेल में बंद किसानों से मिलेगा, फिलहाल 19 किसान जेल में हैं
नोएडा (FBNews) : समाजवादी पार्टी का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल गुरुवार 12 दिसंबर को नोएडा की लुक्सर जेल में बंद किसानों से मुलाकात करके उनके हालात जानेगा। प्रतिनिधिमंडल में मुजफ्फरनगर के सांसद हरेंद्र मलिक सहित तीन सांसद शामिल हैं। उधर, गौतमबुद्ध नगर की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने मंगलवार की रात को जेल में बंद 20 किसानों की रिहाई का तीसरा आदेश जारी किया था, लेकिन इनमें सिर्फ एक ही किसान की रिहाई हो पाई। अब तक जेल से 27 किसानों की रिहा किया जा चुका है। इस बीच रिहाई के लिए महिलाओं ने कैंडल मार्च भी निकाला है।
सपा प्रतिनिधिमंडल में तीन सांसद शामिल
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल ने बुधवार को प्रेस नोट जारी करके बताया कि सपा प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर 12 दिसंबर को समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल जेल में बंद किसानों से मुलाकात करेगा और किसानों की रिहाई के सिलसिले में प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता की जाएगी। इस प्रतिनिधिमंडल में मुजफ्फनगर से सपा सांसद हरेंद्र मलिक, फतेहपुर के सांसद नरेश उत्तम पटेल, अंबेडकर नगर के सांसद लालजी वर्मा, कांठ के विधायक कमाल अख्तर, सपा जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी, राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं दादरी विस से प्रत्याशी राजकुमार भाटी, प्रदेश सचिव फकीर चंद नागर, गजराज नागर, पूर्व जिलाध्यक्ष बीर सिंह यादव, महेंद्र नागर, सुनील चौधरी, सुनील भाटी, आश्रय गुप्ता, इंदर प्रधान, नरेंद्र नागर व सुधीर तोमर शामिल रहेंगे।
एक किसान की हो सकी रिहाई
उधऱ, लुक्सर जेल में बंद 20 किसानों को रिहा करने के गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नर के आदेश के बावजूद महज एक ही किसान को रिहा किया गया। अन्य 19 किसानों पर विभिन्न वाद लंबित होने की वजह से उनकी रिहाई नहीं हो सकी। वैसे, अब तक कुल 27 किसानों को रिहा किया जा चुका है। इनमें 20 को सोमवार के आदेश पर मंगलवार सुबह और 6 किसानों को सोमवार को छोड़ा गया। आदेश के बावजूद 19 लोगों को रिहा न करने से किसानों में आक्रोश है।
क्रिमिनल रिकार्ड खंगाल रही है पुलिस
जिन किसानों को रिहा नहीं किया गया है, पुलिस उनके पुराने क्रिमिनल रिकॉर्ड को खंगाल रही है। अगर मामले दर्ज मिलते हैं तो उनकी रिहाई लंबी अटक सकती है। संयुक्त किसान मोर्चा ने डेल्टा-2 सेक्टर में मीटिंग कर फैसला लिया है कि उनका डेलिगेशन पहले जेल में किसानों से मिलेगा, उसके बाद आगे की रणनीति बनाकर आंदोलन पर फैसला लिया जाएगा। उन्होंने प्रशासन को बुधवार दोपहर तक का समय दिया है। बता दें कि ग्रेटर नोएडा की लुक्सर जेल में बंद किसानों की बिना शर्त रिहाई के लिए सोमवार को प्रमुख सचिव औद्योगिक अनिल सागर के साथ किसानों के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक हुई थी। इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा के सभी 15 घटक दलों ने डीएम गौतमबुद्ध नगर मनीष कुमार वर्मा के साथ भी बैठक की थी। दोनों बैठकों में संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन में जेल में बंद नेताओं और उनकी बिना शर्त रिहाई की बात को प्राथमिकता से रखा।
किसानों की रिहाई के लिए निकाला कैंडल मार्च
जेल गए किसानों की रिहाई के लिए अलग-अलग गांव में कैंडल मार्च निकाला गया, जिसमें बड़ी में महिलाओं और बच्चों ने हिस्सा लिया। जल्द किसानों को रिहा करने की मांग की गई। किसानों का कहना है कि औद्यगिक प्रमुख सचिव अनिल सागर के आश्वासन की बावजूद किसानों की रिहाई नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रशासन जानबूझकर किसानों से टकराव की स्थिति पैदा कर रहा है।