कोनरवा की नोएडा में आवासीय भूखंड संपत्ति को फ्रीफोल्ड किए जाने की प्राधिकरण से बड़ी मांग
प्रेस कांफ्रेस करके पब्लिक ट्रांसपोर्ट, हार्वेस्टिंग सिस्टम और न्यू नोएडा जैसे मुद्दों पर दिए अहम सुझाव
नोएडा (federal bharat news) : कोनरवा नोएड़ा चैप्टर ने प्राधिकरण से आवासीय भूखंड की संपत्ति को लीज होल्ड से फ्री होल्ड किए जाने मांग करते हुए पेयजल आपूर्ति व्यवस्था, वाटर हार्वेसिस्टंग जैसे जनहित के मुद्दे पर अफसरों को घेरा है। साथ ही शहर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को सेक्टर टू सेक्टर कनेक्ट करने की महत्वपूर्ण मांग की है।
फ्रीहोल्ड पर समिति की रिपोर्ट लागू करने की मांग
सेक्टर 27 के क्लब में आयोजित कोनरवा की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में अध्यक्ष पीसी जैन, संयोजक बीबी वलेचा और महासचिव राजीव गर्ग ने जनहित से जुड़े प्रमुख मुद्दों को उठाया। पीसी जैन ने कहा कि उनकी प्रमुख मांग नोएड़ा की आवासीय भूमि को फ्री होल्ड किए जाने की है। आदेश संख्या नौएड़ा/वि0नि0/2018/2693 दिनांक 10अक्टूबर.2018 का हवाला देते हुए उल्लेख किया कि प्राधिकरण की आवासीय भू-खंड की संपत्ति को लीज होल्ड से फ्री होल्ड किए जाने के संबंध में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था, जिसमें मुख्य विधि सलहाकार, विति नियंत्रक, विशेष कार्याधिकारी, उप महाप्रबंधक नियोजन व मै ईएंड वाई कंपनी का प्रतिनिधि सदस्य के रूप में नामित थे।
प्राधिकरण बोर्ड बैठक रखा गया था प्रस्ताव
समिति की सस्तुंति पर बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखा गया था, जिसमें आवासीय भूखण्डों को फ्री होल्ड किए जाने के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया। समिति के द्वारा फ्री होल्ड किए जाने पर प्राधिकरण को होने वाली संभावित लाभ तथा संभावित हानि तथा हानि की क्षतिपूर्ति के लिए उठाए जाने वाले कदम व आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई थी। इसी आधार पर समिति द्वारा लीज होल्ड को फ्री होल्ड किए जाने की संस्तुति दी गई। जिसमें कहा गया था कि पिछले तीन वित्तीय वर्षो में प्राप्त आय के अनुसार आवासीय भूखंडो की परिसम्पत्तियों से प्राधिकरण की औसत आय रुपये 81.58 करोड़ रही है। प्राधिकरण की आवासीय भूखंड की परिसम्पत्तियों को लीज़-होल्ड से फ्री होल्ड किये जाने पर प्राधिकरण के वर्तमान आय के स्रोत का विवरण भी दिया है।
बोर्ड बैठक में दी जा चुकी है सैद्धांतिक सहमति
आवासीय भूखंड की परिसम्पत्तियों को लीज होल्ड से फ्री होल्ड करने पर अल्प अवधि में जो धनराशि प्राप्त होगी उससे एक कॉरपस फंड( Corpus Fund) बनाने का सुझाव दिया गया। जिसे निवेश कर अथवा इस पर ब्याज प्राप्त कर आवर्ती आय (Recurring Income) का स्त्रोत सृजित किया जाएगा। समिति की इस संस्तुति के आधार पर 195 वी बोर्ड बैठक दिनांक 01 जनवरी2018 को यह प्रस्ताव रखा गया तथा बैठक में संचालक मंडल द्वारा विस्तृत चर्चा के उपरांत नोएड़ा की भूमि को लीज होल्ड से फ्री होल्ड किए जाने पर सैद्धांति सहमति दी गई तथा संस्तुति के साथ प्रस्ताव शासन को भेजने का निर्णय लिया गया। जिसे उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ को भेज दिया गया।
पानी की गुणवत्ता सुधारने की मांग
नोएड़ा की स्थापना के 46 वर्षों बाद भी नोएड़ा प्राधिकरण पीने योग्य पानी की आपूर्ति करने में असफल रहा है। यदपि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 25 वर्ष पूर्व शत-प्रतिशत ट्रिटिड़ शुद्ध पेयजल आपूर्ति के निर्देश दिए गए थे। परंतु प्राधिकरण द्वारा इस संबंध में कोई ठोस कारवाई नहीं की गई है। शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नागरिकों का मौलिक अधिकार है तथा प्राधिकरण की नैतिक जिम्मेदारी है। यदि प्राधिकरण द्वारा शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कर ली जाती है तो लाखों लीटर पानी की बरबादी को भी रोका जा सकता है।
वाटर की हार्वेस्टिंग
कोनरवा काफी समय से वाटर हार्वेस्टिंग की ओर ध्यान दिला जा रहा है। भूमि का जल स्तर दिन प्रतिदिन कम हो रहा है। जिसके लिए वाटर की हार्वेस्टिंग की दूरगामी योजना बना कर सुचारू व क्रियान्वित करवाई जानी चाहिए। संस्था का सुझाव है कि सर्वप्रथम सभी सरकारी प्रतिष्ठानों, प्रशासनिक कार्यालयों, कारपोरेट आफिस, आईटी आफिस, कम्युनिटी सेंटर, मैरिज होम, सरकारी बंगले, कॉलेज, स्कूल, विश्वविद्यालय, हाउसिंग सोसाइटीज, मॉल, पार्क, स्टेड़ियम, बस टर्मिनल, रेलवे स्टेशन, एयर पोर्ट आदि में क्षेत्रफल के अनुसार वाटर हार्वेस्टिंग कराया जाना चाहिए। इससे वाटर हार्वेस्टिंग होगा तथा भूजल का स्तर बढ़ जाएगा।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सेक्टर से दूसरे सेक्टर से जोड़ने की मांग
कोनरवा ने प्राधिकरण का ध्यान पब्लिक ट्रांसपोर्ट की ओर दिलाते हुए कहा कि शहर में कोई भी ऐसा पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम नहीं है, जिसमें एक सेक्टर से दूसरे सेक्टर में सुविधापूर्वक आया जाया जा सके। शहर में यात्रियों को ओला और उबर जैसे ऐप के जरिये अपनी यात्रा करने को मजबूर होते है। शहर का अपना एक पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवा होनी चाहिए।
न्यू नोएड़ा को विकसित करने के लिए नया प्राधिकरण बने
उत्तर प्रदेश सरकार न्यू नौएड़ा के गठन पर गंभीरता पूर्वक विचार कर रही है। इस संबंध में सुझाव है कि इसके लिए अलग से एक प्राधिकरण का गठन किया जाना चाहिए, नौएड़ा का वर्तमान क्षेत्रफल लगभग 200 वर्ग किमी है तथा आबादी लगभग 15 लाख है। कुल सैक्टर 163 हैं। प्राधिकरण के अंदर वर्तमान में ही स्टाफ की बहुत भारी कमी है। जानकारी मिली है कि प्राधिकरण न्यू नोएड़ा के लिए अलग से स्टाफ की मांग कर रहा है। ऐसे में उचित होगा कि न्यू नौएड़ा में एक CEO , एक ACEO, एक OSD नये न्युक्त कर दिये जाऐ, जिनका नौएड़ा की किसी भी कार्य से कोई संबंध न हो।