लखीमपुर हिंसा मामलाः केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा से शुरू क्राइम ब्रांच की पूछताछ
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा को आज सुबह 11 बजे तक पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा था, जिसके बाद वे अब लखीमपुर खीरी में क्राइम ब्रांच ऑफिस पहुंचे हैं। पुलिस ने शुक्रवार को दूसरी नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए आज सुबह 11 बजे तक पेश होने का समय दिया है। इस बीच लखनऊ में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने अपने बेटे को ‘निर्दोष’ बताते हुए शुक्रवार को कहा कि उनका बेटा ‘अस्वस्थ’ है और उन्होंने स्वयं कहा कि मैं कल पेश होकर अपना कथन जांच एजेंसी के सामने दूंगा, वो निर्दोष हैं।’ वह शनिवार को यानि आज पुलिस के सामने पेश होगा।
मिश्रा ने लखनऊ एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में कहा, “हमें कानून पर भरोसा है, मेरा बेटा निर्दोष है, उसे गुरुवार को नोटिस मिला लेकिन उसने कहा कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है। वह शनिवार को पुलिस के सामने पेश होगा और अपने निर्दोष होने के बारे में बयान और सबूत देगा।’
यह पूछे जाने पर कि विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है, उन्होंने कहा कि उनके पद से इस्तीफा देने की मांग सिर्फ विपक्ष कर रहा है। विपक्ष का तो यही काम है। उन्हें कानून व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। ये भारतीय जनता पार्टी की सरकार है जो निष्पक्ष जांच करती है। जो भी जांच के दौरान दोषी पाया जाएगा, उसे सजा मिलेगी।
नोटिस में साफ तौर पर उनके ऊपर लगे आरोपों और धाराओं का जिक्र है। यह नोटिस क्राइम ब्रांच लखीमपुर खीरी के प्रभारी की तरफ से चस्पा किया गया है। जिसमें कहा गया है कि वह कल (9 अक्टूबर) 11:00 बजे तक पुलिस लाइन की क्राइम ब्रांच में उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराए। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो पुलिस आगे उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई को अमल में लाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में शुक्रवार को यूपी सरकार से कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार ना करने को लेकर आप क्या संदेश दे रहे हैं। वहीं, कोर्ट ने मामले को लेकर प्रदेश सरकार से यह भी कहा कि क्या आप देश में हत्या के अन्य मामलों में भी आरोपियों के साथ ऐसा ही व्यवहार करते हैं?
आशीष मिश्रा के खिलाफ बहराइच जिले निवासी जगजीत सिंह ने एफआईआर दर्ज कराई है। आशीष के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149 (दंगों से संबंधित), 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना), 338 (किसी शख्स को चोट पहुंचाना जिससे उसकी जान को खतरा हो), 304-ए (लापरवाही से मौत), 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक साजिश रचना) के तहत केस दर्ज हुआ है।