श्रमिकों के बीच लगाया गया विधिक साक्षारता शिविर
विभिन्न योजनाओं और कानूनी पहलुओं की दी गई जानकारी
नोएडा। ’’विश्व बाल श्रम निषेध दिवस’’ के साप्ताहिक कार्यक्रम के अन्तर्गत आज बृहस्पतिवार को डीएकेएस इंडिया कंपनी में श्रमिकों के बीच विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किया गया।
जयहिंद कुमार सिंह, सचिव पूर्णकालिक, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गौतबुद्वनगर की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को डीएकेएस इंडिया कंपनी में श्रमिकों बीच’’विश्व बाल श्रम निषेध दिवस’’ पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में सचिव जयहिंद कुमार सिंह ने बताया कि बाल श्रम/बाल-मजदूरी की समस्या और उससे निजात दिलाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई गई हैं। भारतीय संविधान के अनुछेद 23 और 24 में बाल श्रम को प्रतिबंधित किया गया है। सरकार द्वारा बाल-मजदूरी (प्रतिबंध एवं विनियमन) अधिनियम को 1986 को लागू किया गया तथा बाल श्रम के रोजगार पर रोक लगाई गई है। इसी के साथ ही अन्य वर्ग के लिए कार्य की शर्त्तों का निर्धारण किया गया है। शिविर में श्रमिक व कारखानों के संदर्भ में अधिनियमित कानूनों यथा औद्योगिक विवाद अधिनियम, ट्रेड यूनियन अधिनियम, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, समान कार्य हेतु समान वेतन आदि विषयों पर विस्तृत रुप से प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम में श्रम विभाग की ओर से उपस्थित श्रम प्रर्वतन अधिकारी संजय कुमार लाल ने श्रम कल्याण परिषद द्वारा श्रमिकों के लिए चलाई गई योजनाओं जैसे डा0 एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक शिक्षा सहायता योजना, गनेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार राशि योजना, राजा हरिश्चन्द्र मृतक आश्रित सहायता योजना, महादेवी वर्मा श्रमिक पुस्तक क्रय धन योजना, श्रवण कुमार श्रमिक परिवार धार्मिक पर्यटन यात्रा योजना आदि के बारे में विस्तृत जानकरी दी गई। इसके अतिरिक्त महिला श्रमिको को मातृत्व अवकाश को साढे छः माह हो जाने की जानकारी दिया गया। कंपनी में कार्यरत श्रमिक महिलाओं द्वारा अपनी कुछ समस्याएं बताई गई, जिस पर श्रम विभाग की ओर से उपस्थित पदाधिकारी ने समस्याओं का अविंलब निस्तारण कराने का भरोसा दिलाया।
शिविर में जयहिंद कुमार सिंह, सचिव पूर्णकालिक, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गौतमबुद्वनगर, संजय कुमार लाल, सरधना एवं श्रम प्रर्वतन अधिकारी, गौतमबुद्वनगर एवं लॉ कालेज पर नामित पीएलवीगण शिवम कुमार, अतुल राज, ईशान आनन्द, सदीप चैधरी, डीएकेएस इंडिया कंपनी के प्रबंधक हेमंत सेंगर व अधिक संख्या में पुरुष एवं अधिक संख्या में पुरुष व महिला श्रमिकगण उपस्थित रहे।