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लखनऊ :कोरोना सम्बंधित जानकारी व सुझाव के लिए Federal Bharat के साथ एक्सपर्ट से ऑनलाइन बातचीत।

जानिए बच्चों व बुजुर्गों के लिए क्या है ख़ास जानकारी ?

कोविड-19 ने पूरी लखनऊ :कोरोना के लक्षण, उपाय व अन्य सुझाव के लिए Federal Bharat के साथ एक्सपर्ट से ऑनलाइन बातचीत।दुनिया परलखनऊ :कोरोना के लक्षण, उपाय व अन्य सुझाव के लिए Federal Bharat के साथ एक्सपर्ट से ऑनलाइन आक्रमण किया है। जो थमने का नाम नहीं ले रहा।दुनियां का हर व्यक्ति इसके आतंक से परेशान है। प्रत्येक सुबह सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म पर कोरोना वायरस के नए और बड़े आंकड़ों को देखकर रूह कांप जाती है। ऐसे दुर्लभ घड़ी में व्यक्ति को इस संक्रमण से बचने के लिए खुद को सुरक्षित रखना अति आवश्यक है जिसके लिए जागरूक होना बेहद जरूरी है। डॉक्टर्स ही इसके संक्रमण से बचने के लिए अच्छा सुझाव दे सकते है। इसलिए समय-समय पर संक्रमण से संबंधित जानकारी देने वाले अच्छे एक्सपर्ट या डॉक्टर्स द्वारा दी गई सोशल मीडिया पर जानकारी को सुनना और देखना अति आवश्यक है। इसी कड़ी में रविवार यानी 18 अप्रैल को Federal Bharat के माध्यम से हमारे एक्सपर्ट ने कुछ इस तरह की दी महत्वपूर्ण जानकारी …….

कोरोना वायरस की दूसरी लहर पहली लहर से किस तरह से घातक है?

एक्सपर्ट – जिस ग्रुप का वायरस है उसमें म्यूटेशन ज्यादा और जल्दी होता है । पहले स्ट्रेन में बहुत ज्यादा एतिहाद बरती गई इसके अलावा लॉकडाउन लगा जो काफी इफेक्टिव रहा हालांकि काफी कैजुअल्टी थी। लेकिन जागरूकता थी, ऐसा अभी भी है, लेकिन कोरोना का दूसरा स्ट्रेन काफी इफेक्टिव है । यह उन लोगों को सबसे ज्यादा चपेट में लेता है जिनका डायबिटीज अनकंट्रोल है, इसके अलावा जिनके हृदय ,फेफड़े ,किडनी ओवर बर्डन हैं या शरीर में अन्य कोई इंफेक्शन है। इम्यून सिस्टम का अच्छे से रिस्पांस करना बेहद जरूरी है।

जनपद बाराबंकी के मित्ताई PHC में कोरोना मरीजों का आंकड़ा लगभग कितना है ?
एक्सपर्ट – यह ग्रामीण क्षेत्र है। यहां के लोगों का जीवन स्तर शहरी लोगों से अलग होता है, यहां के लोगों का शारीरिक श्रम ज्यादा होता है जिसकी वजह से इनका एक्सरसाइज होता रहता है इसके अलावा काफी हद तक लोग जागरूक भी हो चुके हैं और कोरोना से बचाव के लिए बनाएंगे प्रोटोकॉल को भी फॉलो कर रहे हैं। इसलिए कोरोना मरीजों का आंकड़ा बहुत कम होता है।

मित्ताई पीएचसी में अभी कितनी लोगों का वैक्सीनेशन हुआ है?
एक्सपर्ट – बाराबंकी जिले के देवा ब्लॉक की अगर बात करें तो लगभग 3 से 4‌ हजार लोगों का वैक्सीनेशन ‌किया चुका है। लेकिन यहां वैक्सीन का अभाव होने के कारण अभी तक लगभग यहां 361 लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी गई। वैक्सीनेशन की प्रक्रिया अब केवल सीएचसी स्तर पर रखा गया है।

आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी सिटी स्कैन में संक्रमण पाया जा रहा है क्या ऐसे में दोनों जांच कराना जरूरी है ?
एक्सपर्ट – सिटी स्कैन में संक्रमण की बात आ रही है यह एक निमोनिक पैचेज की बात करते हैं। इसलिए यह जरूरी नहीं है कि वह संक्रमण कोरोनावायरस का हो , क्योंकि ऐसा नहीं है कि कोरोना संक्रमण के अलावा कोई और संक्रमण नहीं है। कोविड-19 इंफेक्शन इस समय भले ही पेंडामिक के रूप में आ चुका है लेकिन यह भी हो सकता है कि जो रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है वह संक्रमण कोविड-19 का ना होकर किसी और संक्रमण की वजह से हो या कोरोना का भी हो सकता है। इसमें लोग तीन तरह के टेस्ट करा रहे हैं। टेस्ट का पॉजिटिव और नेगेटिव आना या अन्य क्या दिक्कतें हैं यह क्वालीफाई डॉक्टर्स ही सही तरीके से बता सकता है।

कोरोना संक्रमण से कौन-कौन सी बीमारियां होती हैं? क्या बच्चों और बुजुर्गों में अलग-अलग बीमारियां है?
एक्सपर्ट -दोनों में बीमारियां ऑलमोस्ट एक ही होती हैं। लेकिन बच्चों में इम्यूनिटी डेवलप हो रही होती है वही बुजुर्गों में इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होता है। इसलिए दोनों के लिए सैनिटाइजेशन, मास्क लगाना ,साबुन से बार-बार हाथ धुलना यानी प्रोटोकॉल को पूरी तरह से फॉलो करना बेहद जरूरी है। सामान्य लोगों के लिए हेल्दी फूड यानी प्रोटीन ,विटामिन ,मिनरल्स व‌कार्बोहाइड्रेट्स युक्त भोजन बहुत ही आवश्यक है। मिनरल्स के लिए फल, सलाद आदि। नींबू पानी भी कोरोना संक्रमण से बचाने में काफी मददगार होता है । विटामिन सी के कैप्सूल भी ले सकते हैं। विटामिन सी इम्यून सिस्टम को काफी मजबूत बनाता है। इसके अलावा जिंक भी बहुत फायदेमंद साबित होता है।कोरोना संक्रमित मरीज की देखभाल के लिए वही व्यक्ति साथ में रहे जिनका इम्यूनिटी सिस्टम स्ट्रांग हो उन्हें किसी तरह की अन्य गंभीर बीमारी ना हो और प्रोटोकॉल को फॉलो करें।

जानकारी के मुताबिक वैक्सीन की डोज लेने के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं , कई लोगों की जान भी गई है यह कितना सही है और इसके पीछे क्या कारण है ?
एक्सपर्ट – यह व्यक्ति के शरीर में वायरस के उस हिस्से को डाल जाता है जो शरीर के अंदर उस रोग को ज्यादा नहीं बढ़ाएगा। लेकिन वह अपनी पहचान के लिए अपने एंटीजन पोर्शन खिलाफ एंटीबॉडीज बनाता है। जब यही स्वरूप रियल वायरस लेकर आता है। जो पहले से मौजूद एंटीबॉडी से फाइट करता है । लोग टेस्ट करवाते हैं और एंटीजन टेस्ट पॉजिटिव होता है जिसे कोरोनावायरस का टेस्ट बता दिया जाता है। टेस्ट को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। कई ऐसे भी लोग मिले जो साइकोलॉजिकली परेशान थे, और उन्हें लगता है कि उन्हें कोरोना है जो कि ऐसा नहीं था। इनके साथ काउंसलिंग की गई उसके बाद वह ठीक भी हो गए।

 

आखिर ब्लड में ऑक्सीजन का स्तर कितना होना चाहिए? किस परिस्थिति में डॉक्टर के पास जाना जरूरी है?
एक्सपर्ट – 94 प्रतिशत ब्लड में ऑक्सीजन का होना जरूरी है। अगर इससे ज्यादा है तो व्यायाम व एक्सरसाइज करना चाहिए। लेकिन अगर इससे कम होता है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। 92 प्रतिशत लास्ट क्राइटेरिया होती है। व्यक्ति का स्ट्रेस उसके इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाता है।

मधुमिता वर्मा

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