Lucknow Hindi News: गौतमबुद्ध नगर सहित प्रदेश से 17 नगर निगम बनेंगे सेफ सिटी
मुख्यमंत्री ने सेफ सिटी परियोजना के कार्यां की समीक्षा की, तीन माह में विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर सेफ सिटी परियोजना के कार्यां की समीक्षा की। उन्होंने प्रदेश में क्रियान्वित सेफ सिटी परियोजना के विस्तार की कार्ययोजना का अवलोकन भी किया। उन्होंने गौतमबुद्ध नगर सहित प्रदेश सभी नगर निगम मुख्यालय शहरों को सेफ सिटी के रूप में अपडेट करने के निर्देश दिए।
उपयोगी सिद्ध हो रही सेफ सिटी परियोजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन सुनिश्चित करने के संकल्प की पूर्ति में ‘सेफ सिटी परियोजना’ अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है। इस परियोजना के माध्यम से लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के अन्तर्गत मॉडर्न कंट्रोल रूम, पिंक पुलिस बूथ, आशा ज्योति केंद्र, सीसीटीवी कैमरे, महिला थानों में परामर्शदाताओं के लिए हेल्प डेस्क, बसों में पैनिक बटन और अन्य सुरक्षा उपायों को लागू करने में सहायता मिली है। अब हमें इसे और विस्तार देना होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि अन्तर्विभागीय समन्वय और कन्वर्जेंस के जरिये धनराशि का प्रबन्ध कर प्रथम चरण में सभी 17 नगर निगमों और गौतमबुद्धनगर को सेफ सिटी के रूप में विकसित किया जाए।
दूसरे चरण में 57 जिला मुख्यालय जुड़ेंगे
उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में 57 जिला मुख्यालयों की नगर पालिका परिषदों और फिर तीसरे चरण में 143 नगर पालिका परिषदों को सेफ सिटी परियोजना से जोड़ें। ऐसे सभी नगरों के प्रवेश द्वार पर सेफ सिटी का बोर्ड लगाकर इसकी विशिष्ट ब्रांडिंग भी हो। इस प्रकार, उत्तर प्रदेश सर्वाधिक सेफ सिटीज़ वाला देश पहला राज्य बने सकेगा। यह परियोजना अत्यन्त महत्वपूर्ण है। हमें अगले 3 माह में प्रथम चरण का कार्य पूरा करना होगा।
विभाग अपनी जिम्मेदारी समय से पूरा करें
उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों को दी गई जिम्मेदारी अपनी तय समय-सीमा में पूरा करें। मुख्य सचिव द्वारा सेफ सिटी के कार्यां की प्रगति की पाक्षिक समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सेफ सिटी परियोजना महिलाओं की सुरक्षा पर केंद्रित है। हमें इसे विस्तार देकर बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांगजनों की सुरक्षा से भी जोड़ना होगा। सेफ सिटी के माध्यम से सार्वजनिक स्थानों पर उनके लिए एक सुरक्षित, संरक्षित एवं सशक्त वातावरण बनाने की मुहिम को तेजी मिलेगी। स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत स्थापित इण्टीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेण्ट सिस्टम (Integrated Traffic Management System) से शहरों की सुरक्षा व्यवस्था स्मार्ट हुई है। व्यापारियों का सहयोग लेकर शहर में अधिक से अधिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
सभी थानों में लगे सीसीटीवी कैमरे
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। इसके मामले में एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर तैयार करें। यह कार्य शीर्ष प्राथमिकता से हो। थानों में जहां जनसुनवाई होती हो, वहां कैमरे जरूर लगें। सभी कैमरों की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए। प्रत्येक महीने में एक बार जिला स्तर पर महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित हो। उनकी समस्याएं सुनें और उनका समाधान करें। सफल महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों, दिव्यांगजन (Persons with Disabilities) की पहचान कर उन्हें रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत करें। यह प्रयास अन्य लोगों के लिए प्रेरक होगा।
इन्हें भी दायित्व सौंपे
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनसीसी, एनएसएस स्वयंसेविकों को सेफ सिटी स्वयंसेवी के रूप में दायित्व सौंपे जाने चाहिए। इन स्वयंसेविकों (महिला) को निकटतम पिंक बूथ के संपर्क में रखा जाना चाहिए। विशेष परिस्थितियों में इन स्वयंसेविकाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। दिव्यांगजनों के लिए साइनेज आदि पर ब्रेल लिपि में सूचनाएं लिखी जानी चाहिए। मेट्रो रेल में दिव्यांगजन के लिए अनेक प्रबन्ध हैं। ऐसे ही प्रयास सभी सार्वजनिक स्थानों पर किए जाने चाहिए। विक्षिप्त व्यक्तियों या भिक्षावृत्ति कर रहे लोगों के व्यवस्थित पुनर्वास के लिए समाज कल्याण विभाग और नगर विकास विभाग मिलकर कार्य करें। अनेक स्वयंसेवी संस्थाएं इस क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही हैं, उन्हें जोड़ें और उनका आवश्यक सहयोग करें।
वाहन चालकों का हो पुलिस वेरिफिकेशन
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेफ सिटी की परिकल्पना को साकार करने के लिए सार्वजनिक परिवहन वाले वाहन चालकों का सत्यापन आवश्यक है। ऐसे में, टैक्सी, ई-रिक्शा, ऑटो, टेम्पो आदि वाहन चालकों का विधिवत पुलिस वेरिफिकेशन हो। नगर विकास विभाग और परिवहन विभाग मिलकर सभी नगरों में ई-रिक्शा के लिए रूट तय करें। यह सुनिश्चित करें कि तय सीमा से अधिक सवारी न बैठाई जाए। नगरों में रहने वाले किरायेदारों के बारे में भी निकटतम थाने के पास पूरी जानकारी जरूर हो।
सेफ सिटी पोर्टल विकसित हो
उन्होंने निर्देश दिए कि सेफ सिटी पोर्टल भी विकासित हो। इससे ऐसे सभी विभागों को जोड़ें, जिनके द्वारा महिला, बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के हित में कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। सड़क किनारे प्रचार-प्रसार के लिए लगे होर्डिंग स्टैंड, यूनिपोल आदि को ‘स्मार्ट सिटी’ की तर्ज पर व्यवस्थित करें। प्रदेशव्यापी अभियान चलाकर सभी नगरों में डिस्प्ले बोर्ड लगाएं। अवैध होर्डिंग स्टैंड कतई न हों, इन्हें तत्काल हटाएं। यह आधुनिक डिस्प्ले स्थानीय निकायों के लिए राजस्व संग्रह का साधन भी बनेंगे।