लखनऊ : UP पशु घोटाले के आरोपी आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन की पत्नी का निधन,कोरोना से थी पीड़ित।
समाजवादी पार्टी ने प्रियंका को चुना था अयोध्या की हैरिंग्टनगंज तृतीय से जिला पंचायत पद का उम्मीदवार।
कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर सातवें आसमान पर है। छोटे से लेकर बुजुर्ग तक, गरीब से लेकर अमीर तक शहर से लेकर गांव तक हर जगह इसका आतंक फैला हुआ है। इस संक्रमण से कई वीआईपी व सेलिब्रिटी संक्रमित हुए हैं और कई लोगों की जान भी गई है। अब इस संक्रमण ने अयोध्या में जिला पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशी पूर्व सांसद मित्रसेन यादव की बहू और पशुपालन घोटाले के आरोपी आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन की पत्नी प्रियंका सेन को अपना शिकार बनाया और उनकी जान ले ली।
दो दिन पहले हुईं थीं कोरोना संक्रमित।
लखनऊ जेल में बंद आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन की पत्नी प्रियंका सेन को सीने में जकड़न के बाद शनिवार रात करीब 2:00 बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन रविवार सुबह करीब 4:00 बजे इलाज के दौरान ही दम तोड़ दिया। समाजवादी पार्टी ने प्रियंका को अयोध्या की हैरिंग्टनगंज तृतीय से जिला पंचायत पद की उम्मीदवार के तौर पर चुना था, जिसका मतदान 15 अप्रैल को हुआ था। 2 मई को आने वाले चुनाव के रिजल्ट का उनको बेसब्री इंतजार था। आपको बता दें कि सपा महिला प्रदेश सचिव प्रियंका सेन 2 दिन पहले ही कोरोना संक्रमित हुई थी ,नामांकन करने के बाद वह अपने चुनाव प्रचार में व्यस्त थी । लेकिन दुर्भाग्यवश कोरोना के चपेट में आने के बाद रविवार को उनका निधन हो गया। प्रियंका सेन यादव का जन्म 8 अप्रैल 1985 को हुआ था। उनकी शादी आईपीएस अफसर अरविंद सेन यादव से हुई थी।
50 हज़ार का इनाम था घोषित।
मृतका प्रियंका सेन के पति अरविंद सेन एक बड़े पशु घोटाले के आरोप में लखनऊ की जेल में बंद है। आरोपी अरविंद सेन यादव डीआईजी पीएसी आगरा में तैनात थे।आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में जून 2020 को हुए पशु घोटाले में अरविंद सेन पर हजरतगंज थाने में एफ आई आर दर्ज हुई थी।गिरफ्तारी के डर से वह कई महीनों तक फरार भी रहे।लेकिन बाद में उन्होंने खुद को सरेंडर कर दिया था। पुलिस ने उन पर 50 हजार का इनाम भी घोषित किया था।हाई कोर्ट ने आईपीएस अरविंद सेन की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अयोध्या निवासी अधिकारी अरविंद सेन यादव फैजाबाद के कट्टरवाद नेता रहे मित्रसेन यादव के बड़े पुत्र हैं।
जानिए क्या है पशु घोटाला ?
अरविंद सेन पर पशुपालन विभाग में आपूर्ति के नाम पर इंदौर के व्यापारी से करोड़ों रुपए हड़पने के आरोपियों को बचाने के लिए 35 लाख रुपए लेने का आरोप है। इंदौर के व्यापारी मनजीत सिंह भाटिया ने 13 जून को हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिर्पोट में बताया गया है कि अप्रैल 2018 में उनके छोटे भाई के दोस्त वैभव शुक्ला अपने साथी संतोष शर्मा के साथ इंदौर स्थित आवास पर आए और बताया कि पशुपालन मंत्री के करीबी और उपनिदेशक एसके मित्तल आपको पार्टी हित में गेहूं , आटा, शक्कर और दाल की सप्लाई का ठेका देना चाहते हैं । ठेके के लिए आरोपियों ने मंजीत सिंह से 9 करोड़ 72 लाख 12 हजार की रिश्वत ली लेकिन ठेका नहीं मिला इसके बाद मनजीत भाटिया ने जब आरोपियों पर दबाव बनाया तो आशीष राय ने अरविंद सिंह से मुलाकात की जिन्होंने मामला मैनेज करने के लिए 50 लाख रुपए की मांग की,लेकिन डील 35 लाख में तय हुई ,इसमें 5 लाख अरविंद सिंह के खाते में जमा कराए गए और शेष पैसा बाद में नकद दिया गया।घोटाले में अरविंद सेन के अलावा डीआईजी दिनेश चंद और पत्रकार संतोष मिश्रा भी शामिल थे। संतोष मिश्रा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था। दोनों आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन और दिनेश चंद दुबे को निलंबित किया जा चुका है। दोनों अधिकारियों को प्रदेश सरकार ने भगोड़े घोषित किए थे।