माफिया मुख्तार अंसारी के मददगारों का खुला चिट्ठा
फर्जी दस्तावेजों के आरोप में मऊ जिले के संजीवनी हॉस्पिटल कि डॉ अलका राय का नाम आया सामने
बाराबंकी: मुख्तार अंसारी अपराध की दुनिया में हमेशा चर्चा में बना रहा है।प्रदेश के बांदा जेल में बंद बसपा विधायक मुख्तार अंसारी और उनके मददगारों के खिलाफ शिकंजा कसता जा रहा है। मंगलवार को अंसारी द्वारा फर्जी दस्तावेजों पर तैयार एंबुलेंस प्रयोग किए जाने के मामले में बाराबंकी पुलिस ने मऊ जिले के श्याम संजीवनी हॉस्पिटल की संचालिका डॉ अलका राय और उनके साथी एस एन राय को गिरफ्तार किया है। बाराबंकी पुलिस ने कार्यवाही करते हुए दोनों को एसआईटी जांच के बाद फर्जी दस्तावेज के जरिए एंबुलेंस का पंजीकरण कराने के आरोप में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। इस मामले में एक आरोपी राजनाथ यादव की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी थी।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल जिस एंबुलेंस में मुख्तार अंसारी को मोहाली कोर्ट में पेश किया गया था,उस पर बाराबंकी का नंबर पड़ा हुआ था छानबीन करने पर पता चला कि इस एंबुलेंस गाड़ी स्टेशन बाराबंकी में एक निजी अस्पताल के नाम से है जांच के बाद आज की तारीख में जिनका नाम एंबुलेंस की आरसी पर दर्ज है उस पर अलका नाम का पता मऊ जनपद मिला।
अंसारी को बनाया गया 120बी का आरोपी।
पुलिस अधीक्षक बाराबंकी यमुना प्रसाद ने बताया कि एसआईटी जांच के बाद यह गिरफ्तारी की गई है। डॉ अलका राय पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर एंबुलेंस का पंजीकरण कराने का आरोप है बता दें कि मामला सामने आने के बाद डॉ अलका राय ने कहा था कि माफिया डॉन मुख्तार ने जबरन उनसे कागजात पर हस्ताक्षर करवाए थे।अलका राय के बयान के आधार पर बाराबंकी पुलिस ने मुख्तार के खिलाफ साजिश और जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया मुख्तार को 120 बी का आरोपी बनाया गया है और मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई है।