महापड़ावः किसानों के महापड़ाव के 25वें दिन महिलाओं ने संभाली बागडोर, 6 जून से घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन
गीत, संगीत व नृत्य के जरिये महिलाओं ने किसानों व अपनी समस्याओं को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को अवगत कराया
ग्रेटर नोएडा। किसान सभा के आह्वान पर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पर महापड़ाव के 25वें दिन महिलाओं ने बागडोर संभाली। उन्होंने गीत,संगीत और नृत्य के माध्यम से अपनी किसानों की समस्याओं से ग्रेनो प्राधिकरण को अवगत कराने का प्रयास किया। किसान 25 अप्रैल से महापड़ाव डाले हुए हैं। महिलाओं ने 6 जून से घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन शुरू करने की जानकारी दी। इसके तहत परिवार के अन्य सदस्य भी इसमें शामिल होंगे।
आज के महापड़ाव का नेतृत्व सतोष देवी ने किया। इस दौरान हुए कार्यक्रम का संचालन तिलक देवी ने किया। आज के महापड़ाव में काफी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया।
किसानों में भरा जोश
महापड़ाव की बागडोर संभालने के साथ ही महिलाओं ने जहां समस्याओं और मांगों से प्राधिकरण को अवगत कराने का प्रयास किया वहीं किसानों को भी आंदोलन को जारी रखने के प्रति जोश भरा। महिलाओं ने इसी के साथ ही प्राधिकरण को चेतावनी भी दी कि जब तक उनकी समस्याओं का हल नहीं हो जाता यह लड़ाई बदस्तूर जारी रहेगी।
धोखा देने का आरोप
किसान रीना भाटी ने कहा कि प्राधिकरण ने हमारे साथ धोखा किया है। हमारी जमीनों को सस्ते दरों पर लेकर बिल्डरों को ऊंचे दरों पर आवंटित कर दिया। जो हमारे अधिकार है उन पर भी डांका डालने का कार्य प्राधिकरण ने कर रहा है। हमारे 10 % विकसित प्लॉट की जगह किसानों को केवल 6% प्लॉट ही दिया जा रहा है जो हमें किसी रूप में भी मंजूर नहीं है। पूनम ने कहा कि हम किसानों को प्राधिकरण की योजनाओं में 17.5% का जो कोटा मिलता था उसे प्राधिकरण में समाप्त कर दिया है। यह हमारे साथ धोखा है। हम अपना हक लेकर ही रहेंगे। चाहे हमें इसके लिए कितनी भी लंबी लड़ाई क्यों न लड़नी पड़े। बेगवती ने कहा कि हमारे पढ़े-लिखे बच्चे आज नौकरी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। प्राधिकरण क्षेत्र में लगे हुए उद्योग धंधों में उनको लोकल बताते हुए नौकरी नहीं दी जाती है। यह हमारे बच्चों के साथ अन्याय है जबकि जिस भूमि पर यह उद्योग लगे हैं वह हमारी व हमारे पुरखों की जमीन है और हमारी जमीन लेते वक्त प्राधिकरण ने वरीयता के आधार पर हमारे बच्चों को रोजगार देने की बात कही गई थी। आज हमारे ही बच्चों को रोजगार नहीं है। सरोज देवी ने कहा कि प्राधिकरण ने किसानों को मिलने वाले प्लॉट का साइज 120 मीटर से घटाकर 40 मीटर कर दिया है। यह हमारे साथ अन्याय हैं। प्राधिकरण अपनी मनमर्जी पर है और हम उसकी मनमर्जी चलने नहीं देंगे। तब तक धरने पर रहेंगे जब तक हमारी समस्याएं हल नहीं हो जाती।
महिला समितियों का हो रहा गठन
महिला समिति की आशा यादव ने कहा कि हम गांव-गांव जाकर महिलाओं की समितियों का गठन कर रहे हैं। इस महापड़ाव में आने वाले समय में महिलाओं की भूमिका निर्णायक साबित होगी। महिलाएं ही अब धरने पर रात और दिन धरनारत रहेंगी। सुनीता ने कहा कि अब महिलाएं जेल जाने के लिए भी तैयार हैं। अगर प्राधिकरण को लगता है कि यहां की महिलाएं कमजोर हैं तो यह उनकी बहुत बड़ी भूल है। ये वीरांगनाएं अपने अधिकारों के लिए अपने पुरुष साथियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर दिन-रात संघर्ष के लिए तैयार हैं। जब तक समस्याएं हल नहीं जब तक घर वापसी नहीं होगी।
6 जून से परिवार के लोग भी शामिल होंगे
उन्होंने कहा कि 6 जून से प्राधिकरण पर डेरा डालो घेरा डालो कार्यक्रम के तहत परिवार के अन्य सदस्य भी प्राधिकरण पर पहुंचने के लिए तैयार हैं। सभी गांवों में मिलाकर 2000 से अधिक की संख्या में किसानों ने गिरफ्तारी देने वालों की लिस्ट बना ली है।
महापड़ाव में ये महिलाएं थी शामिल
आज के महापड़ाव (धरने) में मुख्य रूप से वंदना, रिया, गीता, माया, संतोष, अनीता, सविता, पिंकी, राजेश, प्रीति, जगमति, कौशल बाला, सरोज, मुकेश, पूजा, पूनम, विमला, रमा, दया, चन्दा बेगम, गुड़िया देवी, रेखा चौहान आदि प्रमुख रूप से शामिल रहीं।