शादी देगी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा : इस सीजन 17500 शादियां और 3000 करोड़ रुपये की बिक्री का अनुमान
Noida News : भारत में शादियों के मौसम में भारी कारोबार की उम्मीद जताई जा रही है, जिसमें गौतमबुद्ध नगर का योगदान महत्वपूर्ण रहेगा। इस बार के शादी सीजन में गौतमबुद्ध नगर में करीब 3000 करोड़ रुपये के कारोबार की उम्मीद है, जिसमें ज्वैलरी, घर की सजावट, कपड़े, उपहार, फर्नीचर और खानपान जैसी कई चीजों की बिक्री शामिल होगी।
शादियों के सीजन में 17500 शादियां होने की उम्मीद
सेक्टर 18 मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष और कैट दिल्ली एनसीआर के संयोजक, सुशील कुमार जैन ने कहा कि गौतमबुद्ध नगर में इस सीजन में लगभग 17500 शादियां होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि इन शादियों के साथ जुड़ी कई वस्तुओं की बिक्री में इज़ाफा होगा, जैसे दुल्हन का साज-सज्जा, कपड़े, आभूषण, उपहार, और आयोजन स्थल की सजावट।
आभूषणों का कारोबार 350 से 400 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान
इस शादी के सीजन में आभूषणों की बिक्री पर खास ध्यान दिया गया है। गौतमबुद्ध नगर में इस सीजन में आभूषणों का कारोबार करीब 350 से 400 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद जताई गई है। इस दौरान लोग पारंपरिक और परिवार से संबंधित आभूषणों के अलावा दुल्हन के लिए नए आभूषण भी खरीदते हैं।
शादी पर होने वाले खर्च का वितरण
शादियों में होने वाले खर्च का वितरण इस प्रकार अनुमानित किया गया है:
– कपड़े, साड़ी, लहंगा और अन्य परिधान: 10%
– आभूषण: 15%
– इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली के उपकरण और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं: 5%
– मिठाई, ड्राई फ्रूट्स और नमकीन: 5%
– किराना और सब्जियां: 5%
– उपहार: 4%
– अन्य वस्तुएं: 6%
इसके अलावा, शादी से जुड़ी सेवाओं में भी खर्च बढ़ेगा:
– बैंक्वेट हॉल, होटल और विवाह स्थल: 5%
– इवेंट मैनेजमेंट: 3%
– खानपान और सेवाएं: 10%
– फूलों की सजावट: 4%
– परिवहन और कैब सेवाएं: 3%
समाज पर और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
सुशील कुमार जैन ने इस शादी के सीजन और त्यौहारी बिक्री को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अभूतपूर्व बढ़ावा बताया। इससे देश भर के विभिन्न उद्योगों और व्यवसायों को लाभ होने की उम्मीद है, साथ ही उत्पादन क्षमता में वृद्धि, व्यावसायिक प्रथाओं में सुधार, और डिजिटल तकनीकों के बढ़ते उपयोग की संभावना है। इस लंबी शादी के मौसम और व्यवसायिक गतिविधियों के बढ़ने से न केवल गौतमबुद्ध नगर, बल्कि देशभर की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद जताई जा रही है।