नहीं बनी बातः त्रिपक्षीय बैठक में नहीं बनी बात, 42वें दिन भी महापड़ाव जारी
कल के डेरा डालो घेरा डालो कार्यक्रम की तैयारी को अंतिम रूप देने में जुटे किसान सभा के पदाधिकारी
ग्रेटर नोएडा। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में किसानों, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के बीच हुई बैठक का कोई नतीजा नहीं निकल सका। उधर, किसान सभा के आह्वान पर किसानों का ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पर 42वें दिन भी महापड़ाव जारी रहा। कल 6 जून को किसानों के डेरा डालो घेरा डालो कार्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप देने में किसान सभा के पदाधिकारी जुटे रहे।
बातचीत विफल
किसान सभा के प्रवक्ता डा.रुपेश वर्मा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार किसानों, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण अधिकारियों के बीच जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक विफल हो गई। सोमवार को जिलाधिकारी ओर से किसानों को वार्ता का न्योता मिला था। इस पर महापड़ाव (धरना स्थल) से 42वें दिन किसान सभा ने अपना प्रतिनिधिमंडल वार्ता के भेजा। वार्ता डीएम कलेक्ट्रेट के सभागार में हुई। वार्ता में अधिकारियों की ओर से डीएम मनीष कुमार वर्मा, एसीओ आनंद वर्धन, एसीओ अमनदीप डूली, एसडीएम जितेंद्र गौतम, एडीएम एलए, एडीएम फाइनेंस, डीसीपी सेंट्रल राम बदन सिंह आदि उपस्थित रहे। किसानों की ओर से 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने वार्ता में भाग लिया। किसानों का प्रतिनिधिमंडल किसान सभा के जिला अध्यक्ष नरेंद्र भाटी के नेतृत्व में वार्ता में शामिल हुआ।
सभी मुद्दों पर चर्चा हुई
वार्ता में सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। सभी बिंदुओं पर जिलाधिकारी और प्राधिकरण के अधिकारियों ने सैद्धांतिक सहमति तो व्यक्त की लेकिन समाधान का कोई भरोसा नहीं दिलाया।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर लगाए आरोप
किसान सभा के प्रवक्ता डॉ. रुपेश वर्मा ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर आरोप लगाया कि प्राधिकरण ने किसानों को दिए जाने वाले लाभ पिछले 10 वर्षों में धीरे-धीरे कर खत्म कर दिए हैं। प्राधिकरण और किसानों के बीच अविश्वास की गहरी खाई बन गई है। जो भी चिट्ठी, प्रस्ताव प्राधिकरण ने शासन को भेजा है वह पिछले 5 वर्षों से शासन स्तर पर लंबित है। किसानों की जमीन कौड़ियों के भाव खरीद कर ₹72000 प्रति वर्ग मीटर पर बेची जा रही है। जो किसान प्रभावित हैं उनको नए कानून के अनुसार 20% प्लॉट और रोजगार से वंचित किया जा रहा है। सर्किल रेट पिछले 12 वर्षों में नहीं बढें हैं। इसी तरह हाई पॉवर कमेटी की सिफारिशों के बावजूद 10% आबादी प्लॉट नहीं दिए गए। 120 मीटर का न्यूनतम प्लाट घटाकर 40 मीटर कर दिया गया है। साढ़े 17 परसेंट का आवासीय कोटा खत्म कर दिया गया है। आबादी के प्रकार एसआईटी जांच में 5 वर्षों से शासन स्तर पर लंबित पड़े हैं। लीजबैक की कार्रवाई नहीं हो रही है। जिन प्रकरणों की सुनवाई हुई है उनकी बोर्ड बैठक से प्रस्ताव पास नहीं किए गए हैं और शेष प्रकरणों में सुनवाई भी बंद है। 40 वर्ग मीटर के प्लाट का पतवारी का समझौता और 1997 का समझौता भी लागू नहीं किया है। प्राधिकरण अधिकारियों की नीयत किसानों के किसी भी मुद्दे को हल करने की नहीं है।
मुद्दे हल होने तक चला आंदोलन
किसान सभा के सचिव जगबीर नंबरदार ने कहा कि किसान मुद्दों के हल होने तक धरना-प्रदर्शन चलाता रहेगा। प्राधिकरण ने पिछले 42 दिनों में कोई कार्रवाई नहीं की है। इससे साफ है कि प्राधिकरण की नियत मुद्दों को हल करने की नहीं है। प्रकाश प्रधान ने आरोप लगाते हुए कहा कि हमें प्राधिकरण पर जरा भी विश्वास नहीं है। 50 गांव का मसला है। पूरे धैर्य पूरी शांति के साथ धरना-प्रदर्शन चलेगा और तभी उठेगा जब समस्याएं हल हो जाएंगी। गवरी मुखिया ने प्राधिकरण पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्राधिकरण के अधिकारियों की नीयत किसान विरोधी है। यदि नीयत साफ होती तो धरना प्रदर्शन के दौरान वह कुछ न कुछ किसानों के पक्ष में कार्रवाई करते परंतु उन्होंने किसानों के किसी भी बड़े मसले पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
आज के महापड़ाव (धरने) की अध्यक्षता रामप्रसाद मुकदम लड़पुरा ने की। धरने का संचालन संदीप भाटी ने किया। धरने पर 6 जून के डेरा डालो घेरा डालो कार्यक्रम के लिए उपस्थित सैकड़ों महिला पुरुष किसानों से हजारों की संख्या में आने की अपील की गई धरने को रमेश प्रधान, निशांत रावल, भोजराज सिंह, मोहित भाटी, सतीश महाशय, शिशांत भाटी, अमित यादव, रंगलाल भाटी, रेखा चौहान, गुड़िया, मोहित, राधा कश्यप, रामसेवक भाटी, नरेंद्र नंबरदार, पुष्पेंद्र त्यागी, अजब सिंह नेताजी ने संबोधित किया धरने पर पप्पू प्रधान, यतेंद्र भाटी, सुधीर रावल, हिरदेश शर्मा, अतर सिंह, पीतम सिंह, सुशील प्रधान, महेंद्र सिंह, पूनम भाटी, तिलक देवी राजवती, संतरा, अंगूरी, पूजा एवं अन्य सैकड़ों महिला-पुरुष किसान उपस्थित रहे।