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बैठकः किसानों से बात कर समस्याओं का समाधान करे प्रशासन

भाकियू कहां हुई बैठक, लाठीचार्ज पर क्या कहा वक्ताओं ने, किसे सौंपा गया ज्ञापन

ग्रेटर नोएडा। भारतीय किसान यूनियन की बृहस्पतिवार यहां कैंप कार्यालय दनकौर में हुई बैठक में पिछले दिनों किसानों पर हुए लाठीचार्ज की तीखी निंदा की गई। बैठक में वक्ताओं ने प्रशासन को सलाह दी गई कि वे किसानों पर लाठीचार्ज करने के बजाय उनसे वार्ता करे और उनकी समस्याओं का समाधान करे।

किसानों की समस्याओं का समाधान हो

बैठक की अध्यक्षता और संचालन राजीव मलिक ने की। बैठक में भाकियू के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी सुभाष चौधरी ने कहा कि पहली नवंबर को पुलिस ने एनटीपीसी दादरी के कार्यालय पर किसानों पर लाठीचार्ज किया। यह बहुत ही गलत और निंदनीय है। सरकार को किसानों से वार्ता करनी चाहिए और उनकी समस्याओं को समाधान करना चाहिए।

भाकियू के मीडिया प्रभारी सुनील प्रधान ने आरोप लगाया कि सरकार पुलिस के बल पर किसानों के शांतिपूर्ण धरने को खत्म करना चाहती है। सरकार नहीं चाहती कि किसान धरना दें और वह उनकी मांगों को पूरा करे। उन्होंने चेतावनी दी कि तानाशाही रवैया किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार को किसानों को उनका हक देना ही होगा।

अधिकारी हुए सक्रिय

उधर, भाकियू के बैठक की जानकारी मिलने पर प्रशासन हरकत में आया। एडीसीपी विशाल पांडे, एसीपी ब्रजनंदन राय, दनकौर थाने के एसएचओ पुलिस बल के भाकियू के कैंप कार्यालय पर पहुंच गए। वहां उन्होंने किसानों से वार्ता की। इस मौके पर किसानों ने पुलिस कमिश्नर को संबोधित ज्ञापन उन्हें सौंपा।

निंदा का प्रस्ताव पारित

बैठक में भाकियू पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटाना ने लाठीचार्ज के लिए निंदा का प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।

ज्ञापन के जरिये ये की गई है मांग

1-तुरंत प्रभाव से गिरफ्तार किए गए किसानों को रिहा किया जाए।

2- किसानों पर दर्ज मुकदमों को बिना शर्त वापस लिया जाए।

3-घायल किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए।

4-घायल किसानों का सरकारी स्तर पर निःशुल्क उपचार कराया जाए।

बैठक और ज्ञापन देने वालों में ये थे शामिल

बैठक और ज्ञापन देने में सुभाष चौधरी, अनित कसाना, पवन खटाना, ललित चौहान, कर्मवीर भाटी, ओमवीर सिंह, दीपक, बेली भाटी, अंशु नागर, देवीराम राजमल, सुनील प्रधान, मटरू, नागर सिंह अवाना, परविंदर अवाना, हुकम सिंह, सोनू भाटी, विकेश चौहान, संदीप अवाना, रविंदर भाटी, योगेश भाटी, महेश खटाना, सोनू कसाना, सचिन खारी, शरीफ, श्याम सिंह बल्लू खेड़ा, जितने बैसला, तेजपाल नेताजी, भिखारी सिंह, राजवीर सिंह, संदीप चपराना, सुंदर भूडा, पीतम सिंह, भंवर सिंह हरसाना, अनिल खटाना, अरविंद लोहिया, ललित नंबरदार, जगदीश कुमार, जयवीर नागर, धर्मपाल स्वामी, मास्टर चाहत राम, सुरेश मलिक, देवराज सिंह, ताराचंद, सुमित कुमार, कृपाल सिंह, बृजपाल सिंह, अमित डेढा, फिरेराम तोगर, प्रीतम नागर, संजू मोरना, गजेंद्र चौधरी, रजनीकांत अग्रवाल, सुबे राम नागर, धनीराम नागर, ओमवीर सिंह अवाना, अशोक, राकेश ठेकेदार, विपिन कुमार भाटी, दीन मोहम्मद, सुरजन सिंह समेत सैकड़ों किसान मौजूद रहे।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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