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ज्ञापन सौंपाः महिला पहलवानों को जंतर-मंतर पर धरना देने की अनुमति व ब्रज भूषण सिंह गिरफ्तारी की मांग

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन ने एडीएम वंशिका श्रीवास्तव को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा

ग्रेटर नोएडा। भारतीय महिला पहलवानों को जंतर-मंतर पर विरोध जारी रखने की अनुमति देने और सांसद बृज भूषण शरण सिंह की  गिरफ्तारी की मांग की। इसके अलावा उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही के लिए दिशा-निर्देश जारी करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एडीएम वंशिका श्रीवास्तव को सौंपा।

क्या कहा गया है ज्ञापन

एसडीएम को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाली, एक नाबालिग सहित, कई महिला पहलवानों ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद और भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रहे बृज भूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं।

ये महिला पहलवान इस साल के 23 अप्रैल से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रही हैं। केंद्र सरकार जनवरी में आरोपी सांसद के खिलाफ जांच करने और आवश्यक कदम उठाने के लिए खिलाड़ियों से किए अपने वादे को पूरा करने में विफल रही। खिलाड़ियों को सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा। न्यायालय ने मामले की सुनवाई शुरू करने के बाद ही दिल्ली पुलिस ने बहुत देर से आरोपी बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की। दुर्भाग्य से, उसके बाद दिल्ली पुलिस अपने पांव खींच रही है और जांच और अभियोजन को आगे नहीं बढ़ाया गया है। जब खिलाड़ियों ने अपना विरोध जारी रखा और 28 मई को दिल्ली में एक शांतिपूर्ण मार्च निकाला तो दिल्ली पुलिस, जो केंद्र सरकार के नियंत्रण में है, ने उनके विरोध मार्च का क्रूरता से दमन किया, उन्हें हिरासत में ले लिया। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की और उन्हें जंतर-मंतर पर उनके शांतिपूर्ण विरोध स्थल से हटा दिया। यह पूरी तरह से गलत और अलोकतांत्रिक था।

ज्ञापन में कहा गया है कि संयुक्त किसान मोर्चा इन घटनाओं से बेहद विचलित हैं। आप खुद एक किसान की बेटी होने के नाते जानती हैं कि कुश्ती एक ग्रामीण खेल है और बृज भूषण शरण सिंह की शिकार ज्यादातर लड़कियां ग्रामीण, किसान परिवारों से हैं। इसलिए हमें चिंता है कि जिन किसानों की बेटियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त करने के लिए बहुत मेहनत की है और देश को गौरव दिलाया है, उनके साथ राजनीतिक रूप से शक्तिशाली लोगों के इशारे पर केंद्र सरकार द्वारा अत्यंत क्रूरता के साथ व्यवहार किया जा रहा है।

यह किया गया है अनुरोध

ज्ञापन में कहा गया है कि राष्ट्र के प्रमुख के रूप में  हम आपसे यह निर्देश जारी करने का अनुरोध करते हैं कि (1) केंद्र सरकार महिला पहलवानों को दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपने धरना जारी रखने की अनुमति दे।  (2) महिला पहलवानों के साथ क्रूरता के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और (3) बृज भूषण शरण सिंह को गिरफ्तार कर, तेजी से चार्ज-शीट दाखिल करने और अभियोजन के लिए उनकी हिरासत में पूछताछ की जाए।

ये लोग थे मौजूद

ज्ञापन देने वालों में सुरेंद्र नागर, रोबिन नागर, अनित कसाना, बेगराज प्रधान, सुनील प्रधान, योगेश भाटी, सोनू भाटी, धर्मपाल स्वामी, सुभाष भिखारी, प्रधान इंद्रेश चेची, विनोद पंडित, दीपक शर्मा, सुधीर कुमार भाटी, ब्रह्म तुगलपुर, चंद्रपाल बाबूजी, नवनीत खटाना, रवींद्र भाटी समेत अन्य लोग शामिल थे।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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