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दुर्व्यवस्थाः हाईराइज सोसायटी की लिफ्ट अचानक खराब, चार महिलाएं एक घंटे तक फंसी रहीं

बिजली व पंखे ने भी काम करना बंद कर दिया था, एक मात्र आपरेटर नहीं था मौके पर, इमरजेंसी अलार्म का नहीं मिला सका लाभ

नोएडा। इस भीषण गर्मी में बिना बिजली, पंखा और गर्मी में आप को कमरे में बंद कर दिया जाए तो कैसा लगेगा। इसे पूछे गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट थाना सेक्टर-113 क्षेत्र के सुपरटेक केपटाउन हाइराइज सोसायटीज के उन लोगों से जो लिफ्ट के अचानक खराब हो जाने से करीब एक घंटे तक लिफ्ट में फंसे रहे।

 

 

चार महिलाएं फंसी रही, घंटे भर बाद निकाली गईं

सुपरटेक केपटाउन हाइराइज सोसायटीज की लिफ्ट अचानक खराब गईं। इस लिफ्ट में उस समय चार महिलाएं नीचे की ओर आने के लिए सवार थीं। लिफ्ट के अचानक खराब हो जाने से वे उसमें तब तक फंसी रही जब तक कि आपरेटर ने लिफ्ट का दरवाजा खोलकर उन्हें बाहर नहीं निकाला।

इमरजेसी अलॉर्म से नहीं मिली मदद

हालांकि लिफ्ट में इमरजेंसी अलार्म लगा हुआ था। लिफ्ट में फंसी महिलाओं ने इसका उपयोग भी किया लेकिन जहां अलार्म बज रहा था वहां कोई मौजूद ही नहीं था। इससे महिलाओं को कोई मदद नहीं मिल सकी। लिफ्ट खराब होने के दौरान लिफ्ट की लाइट भी चली गई। इससे लिफ्ट में अंधेरा छा गया। पंखा बंद गया। भीषण गर्मी, उमस में महिलाएं करीब एक घंटे तक फंसी रहीं। किसी तरह उन्होंने अपने परिजनों को सूचना दी। परिजन ढूंढ़कर आपरेटर को लाए। आपटरेटर ने लिफ्ट का दरवाजा खोलकर लिफ्ट में फंसी महिलाओं को बाहर निकाला।

लिफ्ट के लिए एक ही आपरेटर

बताया जा रहा है कि लिफ्ट संचालन के लिए मात्र एक आपरेटर है। जिस समय लिफ्ट खराब हुई वह बाहर चला गया था। दूसरा आपरेटर नहीं होने के कारण महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ा।

विभिन्न सोसायटियों की यही हालत

नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ग्रेटर नोएडा स्थित विभिन्न सोसायटियों की भी यही हालत है। आए दिन सोसायटियों की लिफ्ट अचानक खराब होने की सूचनाएं आती रहती हैं। लोग लिफ्ट में फंसते रहते हैं। इनकी खराबी का लोग शिकार भी होते हैं। कई सोसायटियों के लोग तो अपनी अन्य मांगों के साथ लिफ्ट खराबी की समस्याओं को दूर करने की मांग को लेकर भी आंदोलन कर रहे हैं लेकिन मेंटिनेंस के लिए जिम्मेदार लोग इस पर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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