उत्तर प्रदेशलखनऊ

पूजा स्थलों से हटाए गए 71 हजार से अधिक लाउडस्पीकर

सैकड़ों विद्यालय बन गए लाभार्थी, स्कूलों में लगाए गए लाउडस्पीकर

लखनऊ। लाउडस्पीकरों पर लगाम लगाने में उत्तर प्रदेश राज्य पहले से ही देश के सामने एक मिसाल कायम कर रहा है। राज्य में 1.29 लाख से अधिक लाउडस्पीकरों को या तो बंद कर दिया गया या आवाज कम कर दी गई।

उत्तर प्रदेश में एक अभियान के दौरान विभिन्न पूजा स्थलों से 71,114 लाउडस्पीकर हटाए गए। इसके अलावा 58,180 लाउडस्पीकरों की ध्वनि को कर दिया गया है जिससे जनमानस को राहत मिली है।

योगी सरकार ने एक और पहल करते हुए हटाए गए लाउडस्पीकर को स्कूलों और पब्लिक अनाउंसमेंट् के उपयोग में लगाने का कार्य शुरू किया है।

 

स्कूलों की सुबह की सभा के लिए 4371 से अधिक लाउडस्पीकर दिया गए। 940 स्पीकर क्षेत्र में पब्लिक एड्रेस सिस्टम के लिए सौंपे गए।

राज्य के गृह विभाग ने 23 अप्रैल को धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने के आदेश जारी किए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक आदेश पर आधारित थे और राज्य के अधिकारी उसी का अक्षरश: पालन करने के लिए तैयार थे।

विभिन्न समुदायों के आध्यात्मिक नेताओं के साथ संवाद बनाए रखते हुए पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण ढंग से संचालित की गई। अभियान के दौरान आध्यात्मिक गुरुओं को लाउडस्पीकरों के माध्यम से ध्वनि प्रदूषण के बारे में जागरूक किया गया। धर्मगुरुओं ने समाज को एक अच्छा संदेश देते हुए लाउडस्पीकरों को हटाने में अपना सहयोग दिया।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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