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आंदोलनः किसान फिर पहुंचे ग्रेनो विकास प्राधिकरण, दिया धरना, विरोध सभा भी की

पुलिस ने धरना दे रहे 33 किसान नेताओं को कल गिरफ्तार कर धरनास्थल को कर दिया था तहस-नहस, धरना 44 दिन भी जारी

ग्रेटर नोएडा।  किसान सभा के आह्वान पर किसान आज बुधवार को फिर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पहुंच गए। वहां उन्होंने धरना दिया और विरोध सभा भी की। पुलिस ने कल मंगलवार को धरनास्थल से 33 किसान नेताओं को गिरफ्तार कर धरनास्धल से सारा सामान उठा ले गई थी।

 

 

किसान जैतपुर गोल चक्कर पर एकत्र हुए

किसान सभा के नेतृत्व में चल रहे महापड़ाव (धरना) को कल मंगलवार को पुलिस ने धरनास्थल को तहस-नहस कर 33 किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था। आज बुधवार को बड़ी संख्या में किसान जैतपुर गोल चक्कर पर एकत्र हुए। वहां से वे ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के लिए कूच किया। वहां पहुंचकर वे फिर उसी स्थान पर धरने पर बैठ गए। यहां पर उन्होंने विरोध सभा भी की। आज बुधवार को उनके धरने का 44वां दिन था।

धरनास्थल नहीं छोड़ने का ऐलान

किसान सभा के जिला सचिव जगबीर नंबरदार ने कहा कि हम लोग पिछले 44 दिनों से शांतिपूर्वक धरना दे रहे थे परंतु पुलिस ने हमारे धरने को तहस-नहस कर दिया। इसके बावजूद इस क्षेत्र के किसान ने अपनी एकता और अखंडता का परिचय दिया और फिर बड़ी संख्या में अपने हक और अधिकार की लड़ाई के लिए धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने दोहराया कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती हम धरनास्थल को छोड़ने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम गिरफ्तारी देने के लिए तैयार हैं। हमने गिरफ्तारी के लिए गांवों में कमेटियां गठित कर दी है। हजारों की संख्या में लोग गिरफ्तारी देने के लिए तैयार है।

कई दलों के लोग पहुंचे

धरनास्थल पर पहुंचकर समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल, कांग्रेस, सहित भारतीय किसान यूनियन, भारतीय किसान यूनियन (बलराज), भारतीय किसान यूनियन (अंबावता) भारतीय किसान परिषद, किसान बेरोजगार सभा, जनवादी महिला समिति, सीटू, माकपा आदि के नेताओं ने समर्थन दिया। उन्होंने आश्वस्त किया कि जब तक गिरफ्तार किसान नेता जेल से बाहर आ नहीं जाते हम धरने को निरंतर चलाते रहेंगे।

लाठीचार्ज का आरोप

किसान सतीश यादव ने कहा कि कल जब किसानों को पुलिस गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले गई थी तो क्षेत्र से हजारों महिलाएं व पुरुष गिरफ्तारी के लिए पहुंचे लेकिन पुलिस ने वहां लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब महिलाएं गिरफ्तारी के लिए आई तो उनसे पुलिसकर्मियों ने बदतमीजी की। उन्होंने चेतावनी दी कि प्रताड़ना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

डीसीपी को ज्ञापन सौंपा

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना ने डीसीपी राम बदन सिंह को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया है कि 12 जून को जेवर में भारतीय किसान यूनियन के महासचिव राकेश टिकैत की बड़ी सभा आयोजित की गई है। उन्होंने जेल भेजे गए किसानों को तुरंत बिना शर्त रिहा करने की मांग की और चेतावनी दी कि 12 जून से पहले किसानों के मुद्दों का समाधान नहीं किया गया तो राकेश टिकैत धरनास्थल पर पहुंचकर धरने शामिल हो जाएंगे।

अखिलेश यादव को अवगत कराया

समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी ने जानकारी दी कि हमने किसानों के साथ हुई पुलिस प्रताड़ना के संबंध में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा है कि किसानों के साथ हुई ज्यादती को वे सदन (विधानसभा) में उठाएंगे। अगर जरूरत पड़ी तो वह भी ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पर धरनारत किसानों के के बीच पहुंचेंगे।

जयंत चौधरी ने किया ट्वीट

राष्ट्रीय लोक दल के जिला अध्यक्ष जनार्दन भाटी ने कहा कि हमारी रात ही अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी से बात हो गई थी। उन्होंने किसानों के पक्ष में ट्वीट भी किया है। वह किसी भी दिन किसानों के मध्य पहुंच सकते हैं। उन्होंने तन-मन-धन से किसानों का साथ देने को कार्यकर्ताओं ने कहा है।

प्रशासन को चेतावनी

किसान सभा के प्रवक्ता डा.रुपेश वर्मा की मां तिलक देवी ने कहा कि मेरे बेटे सहित 33 किसानों को जेल भेजकर प्रशासन यह न समझे कि यह धरना समाप्त हो जाएगा। आज रात को धरने पर महिलाएं ही रहेंगी। अगर प्रशासन चाहे तो वह गिरफ्तार कर हमें जेल भेज दे। गांव से हजारों की संख्या में महिला गिरफ्तारी देने के लिए तैयार हैं।

धरने में ये लोग थे शामिल

आज के धरने में मुख्य रूप से मनोज मास्टर, सुशील प्रधान, गौतम अवाना, टीकम महाशय हरवीर नागर, बलराज भाटी, पुष्पेंद्र त्यागी, संदीप नागर, अजय पाल नागर, बबली बंसल, राजेश देवी, नरेश चपरगढ़, शिशांत भाटी, मोहित नागर, प्रशांत भाटी, सुखबीर, दिनेश यादव आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।

किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने किसानों को धरने में शामिल होने से रोकने के लिए पुलिस ने गांव-गांव में पहरेदारी की। कई नेताओं, संगठनों के कार्यालयों व घरों पर पुलिस ने पहरा बैठा दिया और धरने में नहीं जाने दिया। इसके बाद भी धरना पूर्णरूप से सफल रहा। इसके लिए किसान सभा की कमेटी ने लोगों का धन्यवाद दिया है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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