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आंदोलनः भूमिहीनों ने 40 वर्ग मीटर के प्लाट की मांग के समर्थन में ग्रेनो प्राधिकरण को घेरा

किसान सभा के आह्वान पर घेराव में शामिल थीं सैकड़ों महिलाएं भी, धरना देकर किया प्रदर्शन

ग्रेटर नोएडा। किसान सभा के आह्वान पर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण का आज सोमवार को भूमिहीन लोगों ने घेराव किया। वे पूर्व में हुए समझौते के अनुसार 40 वर्ग मीटर प्लाट की मांग कर रहे थे। इस घेराव में पुरुषों के साथ ही सैकड़ों महिलाएं भी शामिल थीं। किसान अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में 25 अप्रैल से ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण कार्यालय पर महापड़ाव (धरना) डाले हुए हैं। उनके महापड़ाव का आज 28वां दिन था।

भूमिहीनों ने अपनी समस्याएं उठाई

भूमिहीनों ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के घेराव के दौरान अपनी समस्याओं को बताया। आज का घेराव सिर्फ भूमिहीनों की समस्याओं को उठाने के मकसद से किया गया था। आज के आंदोलन के दौरान हुई विरोध सभा की अध्यक्षता मास्टर महेंद्र सिरसा ने किया और संचालन हीरालाल खेड़ी ने।

ग्रेना प्राधिकरण से हुआ था समझौता

विरोध सभा को संबोधित करते हुए हीरालाल ने कहा कि हमें हमारे हकों के पता है। नये कानून में भूमिहीनों के रोजगार और पुनर्वास के पूरे हकों का प्रावधान किया गया है। महेंद्र सिरसा ने कहा कि जिन गांव में भूमि अधिग्रहण हो चुका है उन गांवों के संबंध में वर्ष 2011 में पतवाड़ी गांव में 40 वर्ग मीटर का समझौता ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने किया था। इसमें पुश्तैनी भूमिहीन परिवारों को 40 वर्ग मीटर के प्लाट देने का वादा किया गया था। इसे आज तक प्राधिकरण ने लागू नहीं किया है। किसान सभा के नेतृत्व में चल रहे धरना-प्रदर्शन में किसानों ने हमारी मांग को जोड़कर किसानों एवं भूमिहीन किसानों के बीच व्यापक एकता कायम की है। हम वादा करते हैं कि किसानों के मुद्दों एवं अपने 40 वर्ग मीटर के मुद्दे को हल होने तक जबर्दस्त तरीके से लड़ते रहेंगे।

डेरा डालो घेरा डालो आंदोलन में शामिल होंगे भूमिहीन लोग भी

उन्होंने कहा कि 6 जून को होने वाले डेरा डालो घेरा डालो आंदोलन में भूमिहीन बड़ी संख्या में यहीं पर रहने का काम करेंगे। किसान सभा के प्रवक्ता डॉ. रुपेश वर्मा ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे क्षेत्र के सभी संगठनों, सभी विपक्षी पार्टियों एवं जनता की सभी मांगों को लेकर प्राधिकरण के विरुद्ध लगातार लड़ाई का यह 28 वां दिन है। 6 जून को डेरा डालो घेरा डालो आंदोलन है। इसके लिए गांव-गांव में लोगों को संगठित किया जा रहा है। उन्हें संगठित करने के दौरान भूमिहीनों के 40 वर्ग मीटर का मुद्दा तेजी से ऊपर उभर कर आया है। जिसके इर्द-गिर्द भूमिहीनों की गोलबंदी व्यापक हुई है किसानों एवं भूमिहीनों के बीच व्यापक एकता कायम हुई है। इसी एकता के दम पर सभी मुद्दों को हल करने का कार्य किया जाएगा। खोदना गांव से बड़ी संख्या में महिलाओं को खोदना कमेटी के अध्यक्ष राजू एवं अन्य साथियों ने, इसी तरह खेड़ी गांव कमेटी ने सिरसा गांव कमेटी ने घोड़ी घंगोला गांव कमेटी ने, थापखेड़ा कमेटी ने बेहतरीन कार्य किया है। तुस्याना गांव की महिलाएं खुद से ही बड़ी संख्या में धरना स्थल पर पहुंची। इसी तरह अधिग्रहण से प्रभावित 45 गांवों की सभी भूमिहीन महिला-पुरुष आज धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने भूमिहीनों के मुद्दों पर अपना समर्थन जाहिर किया और उनके साथ मिलकर खाना-पीना या एवं महिलाओं ने नाच गाने गीत संगीत से धरना स्थल का माहौल जीवंत बनाए रखा। नारेबाजी करते हुए मजदूर किसान एकता के नारे लगाते हुए प्राधिकरण को कड़ा संदेश दिया।

इन्होंने भी हौसला बढ़ाया

भूमिहीनों को धरना स्थल पर संदीप भाटी वीर सिंह नेताजी नरेंद्र भाटी सतीश यादव गवरी मुखिया सुरेश यादव प्रकाश प्रधान जोगिंदर प्रधान सूबेदार ब्रह्मपाल हरेंद्र खारी जगबीर नंबरदार निरंकार प्रधान मोहित जुनपत अजब सिंह नेताजी जुनपत व मजदूर संगठन सीटू के नेता गंगेश्वर दत्त शर्मा,राज करण सिंह आदि ने भूमिहीन किसानों को संबोधित करते हुए उनका हौसला बढ़ाया और उन्हें अवगत कराया कि 40 वर्ग मीटर के प्लाट के समझौते को लागू कराने की मांग हम लोग कर रहे हैं जिसको और ताकत देने का काम आप साथियों द्वारा किया जाएगा इसलिए आप साथियों को बड़ी संख्या में धरना स्थल पर रोजाना मौजूद रहना है। धरना स्थल पर किरण ओमवती गीता कमला माया कृष्णा पर्वती पिंकी धर्म वती राजवती कमलेश मंजू उषा लीला विमला सुमन फूलवती मीना गीता संतोष सुनीता पूजा शिवानी जग्गू सीमा सुभद्रा नेहा रेखा डॉली बबीता राज पाली राजवती विमलेश माया आशा मुन्नी डिंपल श्वेता आशा यासीन अंकित आसिफ राजवीर रविंदर एवं अन्य सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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