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नेशनल जनगणना 2027 का ऐलान: 16 साल बाद फिर से देश की जनगणना, अबकी बार डिजिटल और जातिवार विवरण के साथ

नोएडा: लंबे इंतजार के बाद केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जनगणना 2027 (National Census 2027) को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। गृह मंत्रालय ने जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत इसकी घोषणा करते हुए बताया कि यह प्रक्रिया 2027 में कराई जाएगी।

देश के अधिकतर हिस्सों के लिए 1 

मार्च 2027 की आधी रात जनगणना का आधार होगा, जबकि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल और उत्तराखंड जैसे ठंडे क्षेत्रों में 1 अक्टूबर 2026 की तारीख को आधार माना जाएगा।

21 महीनों में पूरी होगी जनगणना प्रक्रिया

जनगणना की प्रक्रिया को करीब 21 महीनों में पूरा किया जाएगा। प्रारंभिक आंकड़े मार्च 2027 में ही जारी हो जाएंगे, जबकि विस्तृत डेटा साल के अंत तक सार्वजनिक किया जाएगा।

दो चरणों में होगी जनगणना, घर से लेकर व्यक्ति तक की होगी जानकारी

जनगणना को दो भागों में संपन्न किया जाएगा:

पहला चरण: हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन (House Listing Operation)

इसमें हर घर की आवासीय स्थिति, संपत्ति और मौजूदा सुविधाओं का रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा।

दूसरा चरण: जनसंख्या गणना (Population Enumeration)

इसमें प्रत्येक व्यक्ति से जुड़ी जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक जानकारी एकत्र की जाएगी।

जातिवार गणना भी होगी शामिल

इस बार जनगणना में जातिगत आधार पर आंकड़े भी इकट्ठा किए जाएंगे। यह पहली बार होगा जब डिजिटल प्लेटफॉर्म के ज़रिए मोबाइल ऐप का इस्तेमाल कर आंकड़े जुटाए जाएंगे। साथ ही, स्व-गणना (Self Enumeration) का भी विकल्प नागरिकों को मिलेगा।

जनगणना से जुड़ेंगे 34 लाख से ज्यादा कर्मचारी

इस कार्य के लिए 34 लाख से अधिक गणनाकार और पर्यवेक्षक, साथ ही 1.3 लाख से ज्यादा अधिकारी तैनात किए जाएंगे। यह स्वतंत्र भारत की 8वीं जनगणना होगी, और कुल मिलाकर देश की 16वीं जनगणना।

16 साल बाद होगी देश में जनगणना

गौरतलब है कि भारत में पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। कोविड-19 महामारी के चलते 2021 की जनगणना को स्थगित कर दिया गया था, जिस कारण अगली जनगणना अब 2027 में यानी 16 साल बाद हो रही है।

 

 

 

Divya Gupta

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