इलाज में लापरवाहीः यथार्थ अस्पताल के पांच डाक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
समय रहते कोरोना के मरीज को रेमडिसिवर का इंजेक्शन नहीं लगाया गया था, जांच कमेटी ने माना दोषी
नोएडा। कोरोना काल के दौरान इलाज में लापरवाही बरतने और समय से रेमडेसिवर इंजजेक्शन नहीं लगाने के कारण मरीज की मौत के बाद यथार्थ अस्पताल के पांच डाक्टरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। यह रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के उप मुख्य चिकित्साधिकारी (डीसीएमओ) ने दर्ज कराई है।
क्या है मामला
गाजियाबाद जिले के विजय नगर के सेक्टर-9 निवासी प्रदीप कुमार शर्मा के बेटे दीपांशु शर्मा कोरोना से पीड़ित हो गए थे। उन्हें इलाज के लिए यथार्थ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आरोप है कि इलाज के दौरान दीपांशु को रेमडेसिवर का इंजेक्शन समय से नहीं लगाने और लापरवाही के कारण उनकी मौत हो गई थी।
पीड़ित ने शिकायत की
अपने पुत्र के निधन से दुखी और पीड़ित प्रदीप कुमार शर्मा ने इसकी शिकायत पेंडेमिक पब्लिक ग्रीवांस कमेटी से की। इस शिकायत को कमेटी ने गंभीरता से लिया और उसने मामले जांच के लिए गौतमबुद्ध नगर जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) को जांच के आदेश दिए।
जांच कमेटी का गठन
सीएमओ ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी में उप मुख्य चिकित्साधिकारी (डीसीएमओ) डॉ.टीकम सिंह और फिजीशियन डॉ.हरिमोहन गर्ग को शामिल किया गया। जांच कमेटी ने मामले की जांच की और अपनी रिपोर्ट पिछले महीने मुख्य चिकित्साधिकारी को संयुक्त रूप से सौंप दी गई। जांच रिपोर्ट में मरीज के इलाज में डॉक्टरों की लापरवाही और मरीज को समय से रेमडिसिवर का समय से इंजेक्शन नहीं लगाने का उल्लेख किया गया है।
कौन-कौन डॉक्टर आए चपेट में
जिन डॉक्टरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है उनमें डॉ.इमरान, डॉ.दानिश, डॉ.मयंक सक्सेना, डॉ.संजय और डॉ.हेमंत शामिल हैं।
क्या कहते हैं एडीसीपी सेंट्रल नोएडा
एडिशनल डीसीपी सेंट्रल नोएडा साद खान बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है। जांच के आधार पर पुलिस ने मुकदमें की विवेचना शुरू कर दी है। जल्द ही डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।