दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगाम, कैबिनेट में पास हुआ नया एक्ट !

नोएडा: दिल्ली सरकार ने ‘स्कूल फीस रेगुलेशन एक्ट 2025’ को मंजूरी दे दी है। यह फैसला एजेंडे में नहीं था, लेकिन शिक्षा मंत्री आशीष सूद के टेबल एजेंडा के तहत इसे पास किया गया।
पहली बार फीस नियंत्रण पर बना कानून
अब तक कोई भी ऐसा कानून नहीं था जो प्राइवेट स्कूलों की फीस वृद्धि पर रोक लगा सके। अब यह नया कानून 1677 स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों को राहत देगा।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्कूलों को भेजे गए नोटिस
मुख्यमंत्री ने जब अभिभावकों की शिकायतें सुनीं, तब शिक्षा विभाग ने कई स्कूलों को नोटिस भेजे। लेकिन ठोस कार्रवाई के लिए यह कानून जरूरी था।
तीन स्तरीय समिति करेगी फीस तय
1. स्कूल स्तरीय समिति: 10 सदस्यीय कमेटी, जिसमें 5 अभिभावक (एससी व महिलाओं को प्राथमिकता) भी शामिल होंगे।
2. जिला स्तरीय समिति: डिप्टी डायरेक्टर की अध्यक्षता में, यदि स्कूल समिति फेल हो तो निर्णय लेगी।
3. राज्य स्तरीय समिति: सात सदस्यीय समिति अंतिम निर्णय लेगी।
फीस वृद्धि की समयसीमा और रिपोर्ट
स्कूल स्तरीय समिति को 21 जुलाई तक गठित किया जाएगा और 21 दिनों में रिपोर्ट देनी होगी। समिति का निर्णय 3 साल तक मान्य होगा।
कड़े दंड और अधिकार
अगर स्कूल नियमों का उल्लंघन करता है, तो:
1 से 10 लाख रुपये तक जुर्माना
स्कूल की मान्यता रद्द
मैनेजमेंट भंग कर सरकार के अधीन लाना
छात्रों को प्रताड़ित करने पर 50,000 रुपये जुर्माना, 20 दिन में सुधार न होने पर 3 गुना जुर्माना और फिर मान्यता रद्द