नोएडा-ग्रेटर नोएडा-यीडा के लिए नई औद्योगिक प्लॉट आवंटन पॉलिसी लागू : प्लॉट आवंटन के ई-नीलामी और साक्षात्कार दोनों होंगे आधार
Noida News : औद्योगिक प्लॉट आवंटन के लिए नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण (यीडा) की नई पॉलिसी लागू की गई है, जो पिछले 11 महीने की मेहनत का परिणाम है। नई पॉलिसी के तहत, 8,000 वर्गमीटर तक के औद्योगिक प्लॉट का आवंटन ई-नीलामी के माध्यम से किया जाएगा, जबकि इससे बड़े प्लॉट का आवंटन साक्षात्कार के जरिए होगा। साक्षात्कार के लिए मानक प्राधिकरण स्तर पर निर्धारित किए जाएंगे और इसे पारदर्शिता के साथ लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। इस नई पॉलिसी का आदेश अवस्थापना और औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज सिंह ने जारी किया है।
ई-नीलामी और साक्षात्कार से होगा प्लॉट आवंटन
नई पॉलिसी में स्पष्ट किया गया है कि 8,000 वर्गमीटर तक के प्लॉट केवल उद्योग स्थापित करने के इच्छुक उद्यमियों को ही दिए जाएंगे। इन प्लॉट्स के लिए ई-नीलामी का तरीका अपनाया जाएगा। वहीं, इससे बड़े प्लॉट के लिए साक्षात्कार आधारित आवंटन होगा, जिसे प्राधिकरण स्तर पर तय किए गए मानकों के आधार पर पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही पारदर्शिता बनाए रखने के निर्देश भी दिए गए हैं।
ई-नीलामी में पहले भी बदलाव हो चुका है
औद्योगिक प्लॉट आवंटन पॉलिसी में पहले भी कई बार बदलाव किए गए हैं। अप्रैल 2022 में तीनों प्राधिकरणों में ई-नीलामी प्रक्रिया लागू की गई थी, लेकिन बाद में इसे कुछ विशेष प्लॉट्स तक ही सीमित किया गया था। ई-नीलामी के तहत पहले चार हजार वर्गमीटर तक के प्लॉट दिए जाते थे, जबकि बड़े प्लॉटों के लिए साक्षात्कार आधारित पद्धति अपनाई जाती थी।
2023 में ई-नीलामी पर लगी थी रोक
2023 में औद्योगिक विकास आयुक्त ने ई-नीलामी पर रोक लगा दी थी, जिसका कारण उद्यमियों की मांग थी। इसके बाद, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने औद्योगिक प्लॉट आवंटन के लिए साक्षात्कार आधारित प्रक्रिया को मंजूरी दी थी। हालांकि, मंत्री और औद्योगिक विकास आयुक्त के बीच इस पर असहमति थी, जिसके बाद पॉलिसी में संशोधन किया गया।
नई पॉलिसी का अनुमोदन मुख्यमंत्री से
मंत्री और औद्योगिक विकास आयुक्त के बीच मतभेद के बाद, अब यह माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के स्तर से अनुमोदन मिलने के बाद यह नई पॉलिसी लागू की गई है। इस पॉलिसी के लागू होने से औद्योगिक प्लॉट आवंटन की प्रक्रिया में सुधार होगा और उद्यमियों को अधिक पारदर्शिता मिलेगी। इस नई पॉलिसी के बाद, तीनों प्राधिकरणों में औद्योगिक विकास को लेकर नयी उम्मीदें हैं और इससे आने वाले समय में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा