यमुना प्राधिकरण की नई पहल: हर भूमिहीन किसान को मिलेगा रहने का अधिकार !

नोएडा: यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में रहने वाले भूमिहीन किसानों को अब राहत मिलने वाली है। प्राधिकरण ऐसे किसानों को 30-30 वर्गमीटर के आवासीय भूखंड देने की योजना बना रहा है। इस योजना के तहत लगभग 8000 भूखंडों का चिह्निकरण किया जा रहा है।
जल्द शुरू होगी भूखंड योजना
प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने किसान कल्याण परिषद के पदाधिकारियों के साथ बैठक में आश्वासन दिया कि जल्द ही यह योजना बोर्ड बैठक में स्वीकृति के बाद लागू कर दी जाएगी।
7 प्रतिशत आबादी भूखंडों का आवंटन जारी
सीईओ ने बताया कि सेक्टर 25 में आठ गांवों के किसानों को पहले ही 7 प्रतिशत आबादी भूखंड दिए जा चुके हैं। बाकी पात्र किसानों की सूची जारी कर दी गई है और जहां जमीन उपलब्ध है, वहां 15 दिन के भीतर आरक्षण पत्र दिए जाएंगे और आठ महीने में विकास कार्य पूरे करके भूखंडों का आवंटन किया जाएगा।
सरकारी जमीन के बदले मुआवजा भी दिया
प्राधिकरण ने चकरोड, नाली जैसी सरकारी जमीनों के अधिग्रहण के बदले दो गुना से ज्यादा मुआवजा पहले ही राजस्व विभाग को दे दिया है। इसके बावजूद भूमिहीन किसानों के लिए विशेष भूखंड योजना लाई जा रही है।
स्थानीय युवाओं को रोजगार दिलाने की कोशिश
प्राधिकरण क्षेत्र में 609 फैक्ट्रियों में से 69 का निर्माण चल रहा है और 309 की नक्शा पास हो चुका है। जिन फैक्ट्रियों में स्थानीय लोगों की संख्या 40 प्रतिशत से कम है, वहां प्रबंधन से कहा जाएगा कि वे योग्य स्थानीय युवाओं को नौकरी दें।
मुआवजे की मांग पर स्पष्टीकरण
64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजे को लेकर उठी मांग पर सीईओ ने कहा कि यह संशोधन कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही लागू हुआ है। लगभग 16 से 18 गांवों के 80 प्रतिशत से ज्यादा किसानों को भुगतान किया जा चुका है। जहां कानूनी विवाद हैं, वहां देरी हो रही है।