न्यू नोएडा : नेशनल स्पेस इंस्टीट्यूट करेगा भौतिक इमेज सर्वे, ज्यादा नियोजित ढंग से विकसित होगा नया शहर
न्यू नोएडा को 209 वर्गकिमी में बसाया जाएगा, 80 गांवों को किया गया है अधिसूचित
नोएडा (मुकेश पंडित) : नोएडा विकास प्राधिकरण ने प्रस्तावित नए नोएडा के विकास की अतिमहत्वाकांक्षी योजना को जमीन पर उतारने का पूरा खाका तैयार कर लिया है। न्यू नोएडा को बसाने के लिए प्राधिकरण सैटेलाइट इमेजज को आधार बनाया जाएगा। इसकी पूरी रूपरेखा तैयार की जा चुकी है। सैटेलाइट इमेजज को क्रय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। न्यू नोएडा को 209 वर्गकिमी में बसाया जाएगा। इसके लिए 80 गांवों को अधिसूचित किया गया है। नोएडा की तरह किसी भी तरह विवाद की स्थिति पैदा नहीं हो, इसके लिए मास्टर प्लान के अप्रूवल के साथ ही निर्माण पर रोक लगा दी गई है।
सैटेलाइट इमेज सर्वे का काम शीघ्र शुरू होगा
उल्लेखनीय है कि नोएडा की स्थापना 17 अप्रैल 1976 को हुई थी। नोएडा क्षेत्र में आबादी का सैटेलाइट सर्वे वर्ष 2011 में किया गया था। इसी सर्वे के आधार पर आबादी निस्तारित की गई। इसमें काफी अड़चनें हैं। लेकिन न्यू नोएडा में प्राधिकरण अधिक योजनाबद्ध ढंग से काम कर रहा है। इसी क्रम में वर्तमान आबादी की स्थिति का पता लगाने के लिए सैटेलाइट इमेज सर्वे कराया जा रहा है। इसके लिए नेशनल स्पेस इंस्टीट्यूट (एनएसआइ) से मदद ली गई है। इसे सर्वे इमेज को ही आधार बनाकर आबादी के अनुसार किसानों की जमीनों के मुआवजे का निर्धारण किया जाएगा। सैटेलाइट इमेज से पता चल जाएगा कि किस किसान ने कितना निर्माण किया है।
जितना निर्माण उसी हिसाब से मुआवजा
प्राधिकरण सूत्रों का कहना है कि सबसे पहले आबादी के निस्तारण का प्लान तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत प्राधिकरण किसानों से सीधे जमीनों की खरीद करेगा। किस किसान की कितनी जमीन है, कितना निर्माण है, उसी के आधार पर किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। यदि कोई किसान रोक लगाने की अंतिम तिथि के अनुसार, निर्माण करता है तो उसे निर्माण से पहले की स्थिति के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा। यदि कोई निर्माण बाद में होता है तो उसे अवैध माना जाएगा और उसका मुआवजा दिया जाएगा।
भूमि सलाहकार समिति की ली जाएगी मदद
प्राधिकरण के एसीईओ सतीश पाल के अनुसार, न्यू नोएडा को बसाने के लिए समझौते के आधार पर जमीन की खरीद की जाएगी। इसके लिए भूमि संबंध मामलों की सलाहकार समिति की मदद ली जा रही है। प्राधिकरण के भूलेख अधिकारियों के साथ सलाहकार कंपनी के रिप्रजेंटेटिव भी शामिल होंगे। इनका काम किसानों को जमीन देने के लिए प्रेरित करना भी है। प्राधिकरण मुआवजा की पहली किस्त जारी करने के लिए लगभग एक हजार करोड़ रुपये की राशि रिजर्व कर चुका है। बुलंदशहर के एडीएम(एलए) को भी इस राशि का एक पार्ट दिया जाएगा। प्रथम चरण में 80 में से 15 गांवों की जमीन का ही अधिग्रहण किया जाना है। प्रत्येक गांव में लगभग 200 किसान परिवार है। यानी 80 गांवों में 1600 किसान परिवार हैं। इनके साथ ही बैठक होनी है। पहले चरण में 3166 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है।
अवैध निर्माण के करने वालों पर होगी कार्रवाई
दादरी-नोएडा-गाजियाबाद(DNGIR) के मास्टर प्लान के तहत एरियल फोटो कराने का प्लान तैयार कर लिया गया है। इस क्षेत्र में अब किसी भी प्रकार का निर्माण अब मान्य नहीं होगा। यदि कोई निर्माण करता हो तो उसके खिलाफ वैधानिक कारवाई की जाएगी। इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए अस्थायी कार्यालय की जमीन भी लगभग तलाश कर ली गई है। इसे अंतिम रूप दिए जाने के बाद कार्यालय की स्थापना कर दी जाएगी। कार्यालय सिकंदराबाद-दादरी के बीच जोखाबाद और सांवली गांव के पास स्थापित किया जाना है। गौतमबुद्धनगर के इस परियोजना में 20 गांव ही हैं।
चार चरणों में विकसित होगा न्यू नोएडा
दादरी-नोएडा-गाजियाबाद(DNGIR) के मास्टर प्लान में गौतमबुद्ध नगर एवं गाजियाबाद जिलों के कुल 80 गांव हैं। क्षेत्र का विकास 4 चरणों में वर्ष 2041 तक होना प्रस्तावित है। इसमें प्रथम चरण में 3165 हेक्टेयर भूमि का विकास वर्ष 2027 तक पूरा होना है। दूसरे चरण में 3737 हेक्टेयर भूमि का विकास 20231 तथा तृतीय चरण में 5908 हेक्टेयर भूमि का विकास 20237 तथा अंतिम चरण में 8230 हेक्टेयर भूमि का विकास 2041 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। डीएनडीआइआर का मास्टर प्लान 2041 29 अगस्त 2017 को अधिसूचित किया गया था। 18 अक्टूबर 2024 को उप्र सरकार ने कैबिनेट में इसे मंजूरी दी थी।