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New rules for coaching centres: 16 साल तक के छात्रों की नो एंट्री, रैंक या अच्छे अंक की नहीं देंगे गारंटी, अत्यधिक फीस वसूलने पर एक्शन

Noida : शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग सेंटरों की मनमानी रोकने के लिए नए दिशा—निर्देश जारी किए हैं। बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी कोचिंग सेंटर संचालित नहीं होगा। साथ ही फीस भी अधिक नहीं वसूल सकेगा। इसके अलावा अब कोचिंग संस्थान 16 साल से कम उम्र के स्टूडेंट्स का नामाकंन नहीं कर सकते हैं। स्टूडेंट्स को मनोवैज्ञानिक और मानसिक स्वास्थ्य सहायता भी प्रदान करेंगे। नए नियम के अनुसार, संचालकों को कोचिंग सेंटर की बिल्डिंग में फायर फाइटिंग के अलावा सुरक्षा के सभी मानदंडों का पालन करना होगा।

बढ़ती आत्महत्याओं की घटनाओं को देखते हुए उठाया गया कदम

अच्छे रैंक और अच्छे अंक के दवाब को देखते हुए स्टूडेंट्स की बढ़ती आत्महत्या, कोचिंग संस्थानों में सुविधाओं का अभाव, शिक्षण प्रणाली के बारे में सरकार को मिली शिकायतों अन्य कमियों को देखते हुए ये दिशा—निर्देश जारी किए गए हैं। नवंबर 2023 में यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। कोचिंग सेंटरों के लिए नियम तय करने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया गया। दिशा—निर्देशों में कहा गया है, स्टूडेंट्स में हायर एजूकेशन के लिए कम्पीटिशन का दवाब करने के लिए कोचिंग सेंटरों को उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए हर कदम उठाने होंगे। साथ ही स्टूडेंट्स पर अनुचित दबाव डाले बिना कक्षाएं संचालित करनी होंगी।

अब मनमानी फीस भी नहीं वसूल सकेंगे कोचिंग सेंटर

कोचिंग सेंटर संचालक अब विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए अधिक फीस नहीं वसूल सकेंगे। स्टूडेंट्स या उनके पैरेंट्स से निर्धारित फीस ही लेंगे और उसकी रसीद भी उपलब्ध करानी होगी। कोचिंग सेंटर को विभिन्न कार्यक्रमों की फीस संरचना, कक्षाओं की संख्या और अन्य सभी विवरणों का उल्लेख करते हुए एक प्रॉस्पेक्टस जारी करना होगा। यदि स्टूडेंट ने पढाई के लिए फीस जमा कर दी और बीच में पढ़ाई छोड़ रहा है, तो शेष अवधि के लिए पहले जमा की गई फीस में से आनुपातिक आधार पर 10 दिनों के भीतर वापस करनी होगाी।

अच्छे नंबर या रैंक दिलाने की नहीं देंगे गारंटी

नए दिशा—निर्देशों के मुताबिक, देश के कोचिंग संस्थान 16 साल से कम उम्र के स्टूडेंट्स को नहीं पढ़ा सकते हैं। इसके अलावा अच्छे नंबर या रैंक दिलाने की गारंटी जैसे भ्रामक वादे भी नहीं कर सकेंगे। कोई भी कोचिंग संस्थान स्नातक से कम योग्यता वाले टीचरों को नियुक्त नहीं करेगा। विद्यार्थियों का कोचिंग संस्थान में नामांकन माध्यमिक विद्यालय परीक्षा के बाद ही होना चाहिए। कोचिंग संस्थान किसी भी शिक्षक या ऐसे व्यक्ति की सेवाएं नहीं ले सकते, जो नैतिक कदाचार से जुड़े किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो।

राज्य सरकार निगरानी के लिए होगी जिम्मेदार

नीति को सशक्त बनाते हुए केंद्र ने सुझाव दिया है कि कोचिंग संस्थनों पर दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाना चाहिए या अत्यधिक शुल्क वसूलने पर उनका पंजीकरण रद्द कर दिया जाना चाहिए। कोचिंग संस्थानों की उचित निगरानी के लिए सरकार ने दिशानिर्देश के प्रभावी होने के तीन महीने के भीतर नए और मौजूदा कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण करने का प्रस्ताव किया है। दिशानिर्देश के मुताबिक राज्य सरकार कोचिंग संस्थान की गतिविधियों की निगरानी के लिए जिम्मेदार होंगे।

Aashish Gupta

आशीष गुप्ता ने जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है और राजनीतिक विज्ञान में MA करने के बाद वह राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख समाचार संस्थानों में कार्यरत रहे। 2015 में पीआर कंपनी मेक यू बिग मीडिया प्राइवेट की स्थापना करने के बाद 2021 में फ़ेडरल भारत की शुरुआत की।

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आशीष गुप्ता ने जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है और राजनीतिक विज्ञान में MA करने के बाद वह राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख समाचार संस्थानों में कार्यरत रहे। 2015 में पीआर कंपनी मेक यू बिग मीडिया प्राइवेट की स्थापना करने के बाद 2021 में फ़ेडरल भारत की शुरुआत की।

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