Noida Big News: नहीं रुक रहा फर्जी खातों के जरिये लोन लेने का सिलसिला, विभिन्न बैंकों को लगाया 23 करोड़ का चूना
विभिन्न लोगों के आईडी पर फर्जी दस्तावेज से बैंकों में खोले खाते फिर कंपनी बनाकर बैंकों से लिए लोन, आठ आरोपियों को पहले ही पुलिस भेज चुकी है जेल
नोएडा। लगता है नोएडा फर्जी दस्तावेजों के जरिये विभिन्न लोगों और बैंकों के साथ धोखाधड़ी करने का हब बनता जा रहा है। ऐसे धोखेबाज अक्सर पकड़े जा रहे हैं लेकिन धोखाधड़ी का यह सिलसिला रुक नहीं रहा है। नोएडा के थाना फेस-1 की पुलिस ने ऐसे ही फर्जी दस्तावेज बनाकर और फर्जी रूप से अलग-अलग व्यक्तियों की आईडी और प्राइवेट लि0 कंपनियां बनाकर बैंको में फर्जी खाता खोलकर धोखाधड़ी करने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। यह व्यक्ति विभिन्न बैंकों से लोन लेकर करीब 23 करोड़ रुपये की आर्थिक क्षति पहुंचा चुका है।
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कौन है पकड़ा गया आरोपी
नोएडा के थाना फेस-1 की पुलिस ने आज बृहस्पतिवार को विभिन्न स्रोतों और मुखबिर की गोपनीय सूचना के आधार पर विभिन्न लोगों के फर्जी दस्तावेज (Fake Documents) बनाकर तथा फर्जी रूप से अलग-अलग व्यक्तियों की आईडी एवं प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां (Private Limited Companies) बनाकर धोखाधड़ी कर बैंको से लोन लेकर बैंकों को लगभग 23 करोड़ रुपये की आर्थिक हानि पहुंचाने के आरोप में मो0 रफी उर्फ रफीक (उम्र 31 वर्ष) निवासी ग्राम पेंदी थाना कोतवाली नगर जिला बिजनौर को शिवानी फर्नीचर के पास सेक्टर 10 नोएडा से गिरफ्तार किया है।
क्या हुआ इसके पास से बरामद
पुलिस ने ऱफी उर्फ रफीक के पास से एक फिंगर प्रिंट डिवाइस व डाटा केबल, एक आई स्कैनर बरामद किया है।आठ लोग पहले ही भेजे जा चुके हैं जेल इस मामले में डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट क्रेडिट एन्टेलीजैंस एवं कंट्रोल एचडीएफसी बैंक लिमिडिट (Deputy Vice President Credit Intelligence & Control H.D.F.C. bank limit) की लिखित तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ अवैध रूप से आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश्य से फर्जी दस्तावेज बनाकर तथा फर्जी रूप से अलग अलग व्यक्तियों की आईडी एवं प्राइवेट लि. कंपनियां बनाकर धोखाधड़ी कर बैंक को आर्थिक हानि पहुँचाने के आधार पर थाना फेस 1 नोएडा भादवि की धारा 420/ 406/ 467/ 468/ 471/ 120बी के तहत 12 मई को को मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले आठ आरोपियों को 16 मई को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। रफी उर्फ रफीक इसी मुकदमें में पुलिस को वांछित था।
कैसे देते थे अपराध को अंजाम
आरोपी विभिन्न फर्जी नामों से आधार कार्ड और पैन कार्ड बनाकर ROC में कंपनी रजिस्टर्ड कराते थे। वे विभिन्न अन्य लोगों के आधार कार्ड तथा पैन कार्ड इसी तरह से बनाकर अलग-अलग बैंको में खाते खुलवाते थे। इस प्रकार खोले गए खातों मे फर्जी कंपनी के खाते से सैलरी के रुप मे रुपये ट्रांसफर करते थे। उस रुपये को एटीएम से निकालकर फिर उसी कंपनी के खाते में जमा करा देते थे। इस प्रकार 6-7 महिने सैलरी (Salary) देने पर ऐसा खातेदार लोन के लिए उपर्युक्त हो जाता था। तब ये लोग ऑनलाइन लोन एप्लाई कर और कई अन्य फाइनेंस कंपनियों से कार, मोबाइल व अन्य वस्तुएं फाइनेंस (Finance) कराते थे।फाइनेंस की राशि को नहीं करते थे वापसये लोग लोन के रुपयों को एटीएम के माध्यम से निकालकर तथा फाइनेंस की वस्तुओं को गबन कर ये लोग बैंक को वापस नहीं करते थे। यह सब काम गलत नामों से किया जाता था। इसलिए बैंक इनको पकड़ नही पाता था। आरोपी ये काम किराये के फ्लैट लेकर करते थे। GHCL कंपनी में फ्राड का काम इन्हीं लोगों ने सेक्टर 119 में एक फ्लैट लेकर किया था। इन लोगो ने अभी तक एचडीएफसी सहित अन्य बैंको से लगभग 23 करोड़ रुपये लोन के रूप में लिए हैं और वापस नहीं किए हैं। इस प्रकार बैंको को लगभग 23 करोड़ रूपये की हानि पहुंचा चुके हैं। GHCL (फर्जी कंपनी) कंपनी ने EPFO में कंपनी के कर्मचारी के खाते खुलवा रखे थे। समय-समय पर EPFO के खाते में रुपये जमा करते थे। इससे कम्पनी का अस्तित्व सही लगता था और फर्जी कर्मचारी दर्शाकर उनके नाम पर लोन लेते समय बैंको को कोई शक नहीं होता था।