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गड्ढों का शहर बन गई है नोएडा की वर्ल्ड क्लास सिटी, प्राधिकरण अफसरों को शहर की फिक्र नहीं

नोएडा (फेडरल भारत नेटवर्क) : वर्ल्ड क्लास सिटी, स्मार्ट सिटी ना जाने किस-किस नाम से नोएडा को नवाजा जाता है, किंतु यहां की सड़कों की हालत देख लें तो ‘नाम बड़े-दर्शन छोटे’ की कहावत नोएडा पर एकदम सटीक बैठती है। अगर आपको भंगेल नोएडा 72 होते हुए सेक्टर 62 जाना है तो सेक्टर 50 और सेक्टर 51 के बीच की लगभग आधा किमी की सड़क की हालत देखिए। प्राधिकरण के दावों की कलई खोलती यह सड़क जाम से जी का जंजाल बन चुकी है।
कर्मिशयल हब में सड़कों की हालत खराब
सेक्टर 75, 74, 76, 50, 51 और 52 तेजी से कर्मिशियम हब के रूप में तेजी से विकसित हो रहे हैं। परंतु सेक्टरों की भीतर की सड़कों की दुदर्शा देखकर लगता है कि प्राधिकरण के अफसर गहरी निद्रा में हैं। मुख्य सड़क की हालत और भी दयनीय है और जाम की बड़ी वजह बन रही है।
सेक्टर 50-51 के बीच सड़क में गहरे गड्ढे
तथाकथिक वर्ल्ड क्लास सिटी नोएडा के सेक्टर 50 और 51 मेट्रो स्टेशनों के बीच से होकर सेक्टर 62, सिटी सेंटर अथवा ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लिए प्रतिदिन हजारों छोटे-बड़े वाहन निकलते हैं। दोनों मेट्रो स्टेशनों के बीच यूटर्न के पास सड़क में कई फीट गहरे और करीब सौ फीट व्यास के गड्ढे हैं। ट्रैफिक पुलिस ने कुछ दिन पहले इन गड्ढों में मिट्टी भरवा दी और बाद में लीपापोती करते हुए डांवर की लेअर चढ़ा दी। इसी के समीप सेक्टर 51 मेट्रो स्टेशन पर इंद्रप्रस्थ गैस एजेंसी का पंप है, जिस पर गैस फिलिंग के लिए वाहनों की लंबी-लंबी कतारें रहतीं हैं। इन दोनों कारणों से यहां जाम की स्थिति बनी रहती है।
ट्रैफिक पुलिस के पास कोई प्लान नहीं
इस मार्ग पर ट्रैफिक जाम से निपटने का कोई ठोस और कारगर उपाय नहीं। रोड के दोनों ओर ऑटो और ई-रिक्शा का कब्जा है। सेक्टर 51 मेट्रो स्टेशन और सेक्टर 52 मेट्रो स्टेशन दोनों पास-पास हैं। सेक्टर 52 मेट्रो स्टेशन सर्वाधिक भीड़-भाड़ वाला है। दिल्ली जाने के लिए यात्री इसी मेट्रो स्टेशन का उपयोग करते हैं। यह ग्रेटर नोएडा से इंटरएक्सचेंज भी किया जाता है। यहां सड़क पर ऑटो चालकों को वर्चस्व है। ट्रैफिक पुलिसकर्मी यहां औपचारिकताएं पूरी करने के लिए तैनात रहते हैं। ऑटो चालकों के सामने उनकी बेबसी साफ दिखाई दे जाती है। पीक ऑवर्स में यहां जाम की अत्यंत गंभीर स्थिति बनी रहती है।
सोशल मीडिया पर शिकायतों की बाढ़
गड्ढों और जाम को लेकर नोएडा के रहने वाले जागरूक नागरिक प्रतिदिन सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर वीडियो, फोटो और अपनी पीड़ा को व्यक्त करते हैं, लेकिन लगता है प्राधिकरण के अफसरों, जनप्रतिनिधियों पर इसका असर नहीं पड़ता है। कई एक्स यूजर ने
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों और ठेकेदारों पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहै कि सभी भ्रष्टाचार में डूबे हैं। सेक्टर 14 A जहां नोएडा अथॉरिटी के अधिकारी रहते हैं, सारी सुंदरता, सफाई की व्यवस्था है। बाकी नोएडा वासी परेशान हैं।

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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