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Noida Hindi Big News: फर्जीवाड़ा कर नोएडा विकास प्राधिकरण का 3.90 करोड़ रुपये हड़पने वाला गिरफ्तार

फर्जी एवं कूट रचित दस्तावेज तैयार कर प्राधिकरण की एफडी बनाकर रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिया था, नौ करोड़ अन्य तीन लोगों के खातों ट्रांसफर कराने के चक्कर में था

नोएडा। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट थाना सेक्टर-58 नोएडा की पुलिस ने फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार कर नोएडा विकास प्राधिकरण की एफडी बनाकर 3.90 करोड़  रूपये अपने खाते में ट्रांसफर कराने के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। यह राशि आरोपी ने बैंक ऑफ इंडिया से खुद नोएडा विकास प्राधिकरण का कर्मचारी बताकर फर्जी खाता खुलवाकर स्थानांतरण कराया था।

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कौन है पकड़ा गया आरोपी

आज शुक्रवार को थाना सेक्टर-58 नोएडा की पुलिस ने गोल चक्कर सेक्टर-62 से एक फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार कर नोएडा विकास प्राधिकरण (Noida Development Authority) की एफडी बनाकर 3 करोड़ 90 लाख रुपये स्थानांतरण कर धोखाधड़ी करने के आरोप में अब्दुल खादर निवासी मकान नंबर 13 3वी क्रास स्ट्रीट वेनकटा नगर पाण्डुचेरी को गिरफ्तार किया है।

 

 

क्या है मामला

नोएडा विकास प्राधिकरण के वित्त विभाग के अधिकारी ने 4 जुलाई को थाना सेक्टर-58, नोएडा पर रिपोर्ट लिखाई थी कि नोएडा विकास प्राधिकरण ने अपने बैंक खातों में जमा धनराशि को अधिकतम ब्याज देने के आधार पर बैंक ऑफ इण्डिया सेक्टर-62 को 200 करोड़ रुपये की एफडी को स्वीकार किया था। इस मामले में 21 जून को बैंक खाता संचालन के लिए पत्र जारी किया गया था। बैंक ऑफ इण्डिया सेक्टर-62 ने अपने पत्र 23 जून के एवं ई-मेल से बैंक खाता खोले जाने की पुष्टि की थी। फिर प्राधिकरण ने 100-100 करोड़ रुपये की राशि 26 जून को एचडीएफसी बैंक सेक्टर-18 शाखा एवं इण्डियन बैंक सेक्टर-61 के खातों से भेजकर कुल 200 करोड़ रुपये की एफडी बनाकर नोएडा प्राधिकरण को उपलब्ध कराने के लिए कहा था। इस संबंध में बैंक ऑफ इण्डिया ने 100-100 करोड़ रुपये की दो एफडी 26 जून की मूल प्रति को प्राधिकरण को उपलब्ध करा दिया था। 3 जुलाई को बैंक ऑफ इण्डिया शाखा सेक्टर-62 द्वारा दिए गए एफडी की पुष्टि करने के लिए बैंक शाखा आया तो पता चला कि बैंक ऑफ इण्डिया ने नोएडा विकास प्राधिकरण के खाते में जमा धनराशि 200 करोड़ रुपये की एफडी नहीं बनवाई गई थी बल्कि उस खाते से 30 जून को 3.90 करोड़ रुपये किसी अन्य खाते में ट्रांसफर कर दिया गया, प्राधिकरण के खाते में जमा धनराशि फ्रीज करते हुए बैंक शाखा ने तत्काल 9 करोड़ रुपये के स्थानांतरण को रोक दिया तथा प्राधिकरण द्वारा जारी वित्त नियंत्रक व अन्य के फर्जी हस्ताक्षर बनाए हुए प्रपत्र मिले। उनके मूल हस्ताक्षर वाले प्रपत्र बैंक में नहीं मिले। बैंक ऑफ इण्डिया शाखा सेक्टर-62 ने 26 जून को उपलब्ध कराई गई 100-100 करोड़ रुपये की दो एफडी भी फर्जी एवं कूट रचित बताया। बैंक में प्राधिकरण द्वारा खोले गए खाते को अब्दुल खादर नामक व्यक्ति द्वारा संचालित करना बताया गया। इससे यह स्पष्ट हुआ कि संबंधित बैंक के कर्मियों ने आरोपियों के साथ मिलकर फर्जी एवं कूटरचित प्रपत्र एवं एफडी तैयार कर प्राधिकरण को गंभीर आर्थिक क्षति पहुंचाई है। इस मामले में थाना सेक्टर-58 पर मु0अ0सं0-256/2023 भादवि की धारा 420, 467, 468, 471,120बी, 409 के मुकदमा दर्ज हुआ था। इसमें आरोपी अब्दुल खादर की पुलिस को तलाश थी। उसे आज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

आरोपी ने क्या बताया पुलिस को

आरोपी अब्दुल खादर ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि हमसे जो आई कार्ड, विजीटिंग कार्ड, मोहर बरामद हुए हैं, यह उसे मनुपोला ने बनवाकर दिए थे और नोएडा विकास प्राधिकरण के फर्जी कागजात देकर विकास प्राधिकरण की एफडी के लिए खाता खोलने के लिए भेजा था। मुझे 10 लाख रुपये देने को कहा था। मैं रुपयों के लालच में आ गया था। मैने नोएडा विकास प्राधिकरण का अधिकारी बताकर बैंक में खाता खुलवाया है। खाता खुलवाने के बाद मैने मैनेजर से कहा कि हमारी एफडी बनाओ तो उन्होंने 30 जून  तक एफडी बनाने के लिए कहा। बाद में मैं बैंक गया। मैनेजर से बोला कि हमारे कान्ट्रेक्ट के लिए तीन लोगों के खाते खोलो। हमें उनके खातों में पैसा ट्रान्जेक्शन करना है। 23 जून को मैने मैनेजर से बोला था कि 200 करोड़ रुपये खाते में आ गया है। लेकिन विकास प्राधिकरण से पैसा 26 जून को आया है। मन्नुपोला, राजेश मुझे बैंक में जैसा बोलने के लिए कहते मैं जाकर मैनेजर से ऐसे ही बोलता था। मैनेजर ने खाता खोलने में देरी की तो मैं कहा कि हमारे बहुत बैंक हैं। हम पैसा दूसरे बैंक में ले जाएंगें तुरन्त अभी। मैनेजर ने तीन करेन्ट अकाउन्ट कान्ट्रेक्टर के खोल दिए। उन खाता धारक को इन्हीं लोगों ने मेरे साथ भेजा था। मैं ही बैंक मैनेजर के पास ले गया था। 30 जून को खाते खोले। मेरे कहने के अनुसार तीनो खातों में बैक मैनेजर ने 30 जून को ही 3 करोड़ 90 लाख रुपये आरटीजीएस के द्वारा डाल दिए तथा उस रुपयों को उन खाता धारकों ने बाहर के लोगों के कहने पर मन्नुपोला के द्वारा दिए गए खातों में ट्रान्सफर कर दिया। बैंक मैनेजर से खाते वेरिफिकेशन के लिए बोला तो मैने बोला था कि मैनेजर साहब वेरिफिकेशन में देरी हुई तो पैसा डिपार्टमेंट बोर्ड में चला जाएगा। उसके बाद पहली जुलाई को को मुझे मन्नुपोला और उसके अन्य साथियों ने बैंक भेजा और कहा कि जाकर मैनेजर को बोलो कि 3-3 करोड़ रुपये तीनों खातों में डालना है। बैंक मैनेजर को देने के लिए पत्र भी उन्होंने दिया। जो मैने बैंक मैनेजर को दे दिया था। बैंक मैनेजर ने कहा कि आज शनिवार है। सोमवार तीन जुलाई को हो पाएगा। उसके बाद मैं बैंक नहीं गया। मुझसे मन्नुपोला ने कहा कि बैंक वालों को शक हो गया है। उधर नहीं जाना। मैने कहा कि जो तीन करोड़ 90 लाख रुपये आपके पास आ गया है उसमें से मुझे मेरा हिस्सा दो। मन्नु ने मुझे सेक्टर 62 के गोल चक्कर पर बुलाया था कि आ जाओ अपने हिस्से के पैसे ले जाओ। तभी पुलिस ने पकड़ लिया।

अन्य लोगों को तलाश रही पुलिस

पुलिस की पूछताछ में जिन लोगों का नाम खादर ने लिया है पुलिस उनकी तलाश कर रही है। उनके मिलने के संभावित स्थानों पर छापेमारी की जा रही है। पुलिस उन्हें दबोचने के प्रयास में लगी है।

क्या बरामद हुआ अब्दुल खादर के पास से

पुलिस उसके पास से दो विजिटिंग कार्ड अब्दुल खादर नाम के NEW OKHLA INDUSTRIAL DEVENOPMENT AUTHORITY,

एक मोहर FOR NOIDADEVENOPMENT AUTHORITY, दो Cash Withdrawal Slip बैंक आफ इण्डिया की, आधार कार्ड, पैन कार्ड व 05 पासपोर्ट साइज फोटो (अब्दुल कादिर की) बरामद किए हैं।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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