Noida Hindi News: छपरौली मंगरोली के सामने यमुना नदी का भरा पानी, चार लोगों को निकला, 80 पशु पानी में फंसे
270 पशुओं को पहले ही निकाल चुके हैं फायर कर्मचारी, बचाव कार्य जारी, जिला प्रशासन अलर्ट, जिला स्तर पर 11 ब्लॉक में 22 रैपिड एक्शन की टीमें तैनात
नोएडा। बारिश और हरियाणा की हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने कारण यहां गौतमबुद्ध नगर जिले के यमुना नदी के किनारे बसे कुछ गांवों और उसके आसपास के क्षेत्र में बाढ़ का पानी घुस गया है। नोएडा के सेक्टर 167 के पीछे छपरौली मंगरोली के सामने यमुना नदी का भरा पानी गया है। गांव के लोग और पशु पानी से घिर गए हैं। फायर कर्मियों ने यहां पानी से घिरे चार लोगों और 270 पशुओं को निकाला। पानी में अब भी 80 पशु फंसे हैं जिन्हें निकालने के लिए फायर कर्मी जुटे हुए थे।
पानी में फसलें डूबीं
यमुना नदीं का पानी छपरौली मंगरोली गांव और आसपास के क्षेत्र में फैलने से पहले से बोई गई फसलें पानी में डूब गई हैं। पानी में डूबे फसलों के पूरी तरह से नष्ट हो जाने की आशंका है। इन फसलों के बचे होने की कोई उम्मीद नहीं है। इससे खेतों के मालिक किसानों का लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।
प्रशासन अलर्ट मोड में
पिछले दिनों हुई लगातार बारिश और यमुना में हरियाणा की ओर से बैराज का पानी छोड़े जाने से यमुना नदी के किनारे बाढ़ की खतरा जिला प्रशासन पहले ही भांप चुका था। इसलिए बाढ़ से बचाव की तैयारी पहले से ही शुरू कर दी गई थी। जिले के 11 ब्लॉकों में 22 रैपिड एक्शन टीमें तैनात की गई हैं। पानी का स्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो गौतमबुद्ध नगर जिले के सदर और जेवर तहसीलों के के 10 गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हो जाएंगें। कलेक्ट्रेट में बाढ़ कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है। उसका नंबर भी आम लोगों के लिए जारी कर दिया गया है।
हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा जाता है पानी
हरियाणा के यमुना नगर जिले में स्थित में स्थित हथिनी कुंड बैराज में पानी जब निश्चित सीमा से अधिक हो जाता है तो पानी छोड़ दिया जाता है। यह पानी दिल्ली होते हुए गौतमबुद्ध नगर जिले में आ जाता है। तब बाढ़ जैसी स्थित हो जाती है। यमुना में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सिंचाई विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया था।
जिले के 10 से 15 गांव होते हैं प्रभावि
लगातार बारिश और हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण यहां गौतमबुद्ध नगर जिले में सदर और जेवर तहसीलों के 10 से 15 गांव बाढ़ से प्रभावित हो जाते हैं। ये यमुना नदी के किनारे बसे हुए हैं।