Noida News : नोएडा के नलगढ़ा गांव में बनेगा वॉर मेमोरियल, शहीद भगत सिंह ने असेंबली में बम फेंकने की यहीं बनाई थी योजना
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Noida News : नोएडा के नलगढ़ा गांव में बलिदानियों के लिए वॉर मेमोरियल बनाया जाएगा। नोएडा अथॉरिटी ने वार मेमोरियल के लिए 22 एकड़ जमीन को चिन्हित किया है। नोएडा अथॉरिटी के सीईओ लोकेश एम ने संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए है। जानकारी के मुताबिक, शहीद भगत सिंह ने असेंबली में बम फेंकने की योजना अपने साथियों के साथ मिलकर नलगढ़ा गांव में बनाई थी। नलगढ़ा गांव में ही बम तैयार किए गए थे। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने कहा कि यह भारत के अन्य वार मेमोरियलों से अलग और शानदार होगा।
भारत से लेकर इंग्लैंड तक मचाया था तहलका
आजादी की लड़ाई के सबसे मजबूत सिपाहियों में शुमार सरदार भगत सिंह ने 8 अप्रैल 1929 को नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश हुकूमत की तत्कालीन सेंट्रल असेंबली के सभागार में फेंककर भारत से लेकर इंग्लैंड तक तहलका मचा दिया था। सरदार भगत सिंह ने अपने क्रांतिकारी साथियों सुखदेव और राजगुरु के साथ मिलकर यहां बम बनाए थे। अंग्रेजों को भी इसकी भनक नहीं लग सकी थी। दरअसल, भगत सिंह ने यह बम नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश हुकूमत की तत्कालीन सेंट्रल असेंबली के सभागार में फेंका था, जिसके बाद चले मुकदमे के बाद उन्हें फांसी दे दी गई थी।
भगत सिंह से जुड़े किस्से
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के किनारे बसा नलगढ़ा गांव अब ऐतिहासिक हो चुका है। आसपास के ग्रामीण बड़ी शान से बताते हैं कि भगत सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर यहीं पर बम बनाया था। भगत सिंह को देखने वाले बुजुर्ग अब दुनिया में नहीं हैं, लेकिन यहां पर भगत सिंह से जुड़े किस्सों को लोग आज भी याद करते हैं। बम फेंकने के लिए ही 23 मार्च 1931 को तीनों क्रांतिकारियों को अंग्रेजों ने फांसी पर लटका दिया था। नलगढ़ा के पार्क में सुखदेव और राजगुरु के स्मारक स्तंभ एवं शिलालेख और शहीद वाटिका भी बनाई गई है।
यहां ली थी पनाह
सेक्टर-145 में स्थित नलगढ़ा गांव महामाया फ्लाइआेवर से 15 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां शहीद विजय सिंह पथिक का बड़ा आश्रम था। चंद्रशेखर आजाद, राजगुरू, सुखदेव व भगत सिंह जैसे महान क्रांतिकारियों ने भी यहां पनाह ली थी। अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और उनके साथियों ने दिल्ली के नजदीक होने के कारण नलगढ़ा को अपना ठिकाना चुना था। वह यहां तीन वर्ष तक छिपकर रहे थे। इस दौरान उन्होंने आश्रम में बम बनाये थे। गांव में बिखरी निशानियां आज भी इसकी गवाही देती हैं।