Noida News : कमजोर नेतृत्व बन रहा है सपा के लिए गले की फांस, अब दिया यह नया नारा!
नोएडा न्यूज : गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी में चला आ रहा सियासी ड्रामा और भी तूल पकड़ रहा है। जिले के वरिष्ठ नेताओं ने अब पार्टी के शीर्ष को लेटर भेजकर सम्मान नहीं तो समर्थन नहीं का नारा दिया है। पार्टी नेताओं का साफ कहना है कि प्रत्याशी पूरी सक्रियता के साथ चुनाव नहीं लड़ रहे है। साथ ही जिले के वरिष्ठ नेताओं से चुनावी रणनीति पर कोई बातचीत भी नहीं की जा रही है।
कार्यकर्ताओं ने दिया यह नारा
गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी से शुरूआत से ही पार्टी पदाधिकारी और नेता नाराज दिखाई दे रहे हैं। दोबारा टिकट मिलने से नाराज पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने नया नारा दिया है कि ‘सम्मान नहीं तो समर्थन नहीं’। दरअसल, शुरूआत से ही सपा नेता प्रत्याशी डॉ. महेंद्र नागर पर चुनाव में सक्रिय न होने का आरोप लगाते रहे हैं। आरोप है कि महेंद्र नागर प्रधानी की तरह ही लोकसभा चुनाव को लड़ रहे है। सपा नेताओं ने यहां तक आरोप लगाए है कि उन्हें चुनाव अभियान में शामिल नहीं किया जा रहा है और चुनावी रणनीति को लेकर भी कोई रुचि डॉक्टर महेंद्र नागर नहीं ले र है। प्रत्याशी की तरफ से पार्टी नेताओं को सम्मान नहीं दिया जा रहा है।
बता दें कि गठबंधन में गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के खाते में आई थी। गठबंधन की वजह से कांग्रेस ने यहां अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है। सपा के वरिष्ठ नेता का दावा है कि अगर चुनाव मजबूती से लड़ा जाए तो यह सीट जीती जा सकती है। इसका मुख्य कारण कांग्रेस से गठबंधन है। हालांकि, सपा नेताओं ने सम्मान न मिलने वाली बात पार्टी नेतृत्व के सामने रखी है। इस संबंध में जिले के नेताओं ने प्रदेशाध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को लेकर लिखा है। इसी पत्र में यह नारा दिया गया है कि सम्मान नहीं तो समर्थन नहीं।
कांग्रेस छोड़ सपा में शामिल हुए थे महेंद्र नागर
बता दें कि, गौतमबुद्ध नगर सीट कांग्रेस के साथ गठबंधन में समाजवादी पार्टी के खाते में आई थी। कांग्रेस छोड़कर समाजवादी में दो साल पहले शामिल हुए डॉ. महेंद्र नागर को टिकट मिलने के बाद पदाधिकारियों में खासा रोष दिखाई दिया। यहीं वजह आई कि सपा को दोबारा अपना निर्णय बदला पड़ा। दरअसल, जिले में सपा के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं कई नेताओं ने लखनऊ पहुंचकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। उन्होंने डॉ. महेंद्र नागर को टिकट दिया जाने का विरोध जताया। जिसके बाद सपा ने डॉ. महेंद्र नागर का टिकट काटकर पार्टी ने युवा नेता राहुल अवाना पर दांव लगाया था। दो धड़ों में बंटे सपाईयों को एकजूट करने के लिए लखनउ बुलाया गया। जहां हाईकमान ने एक बार फिर से महेंद्र नागर को टिकट दिया था।
राहुल अवाना को बताया था कमजोर नेता
दावा यह भी किया गया कि राहुल अवाना को राजनीतिक अनुभव की कमी है और गुर्जर समाज का वोट नहीं मिलने की बात कही थी। हालांकि, कांग्रेस का नाम जुड़ा होने से सपा के नेताओं व पदाधिकारियों में कही न कही टीस हैं। सूत्रों का कहना है कि सपा प्रत्याशी महेंद्र की भी गुर्जर समाज में ही पकड़ कमजोर बताई जाती है। दरअसल, शहरी वोटर भाजपा का माना जाता है।