नोएडा: एनजीटी ने गौतमबुद्ध नगर में बिना परमिशन के हो रहे अवैध निर्माण पर दिया बड़ा आदेश, दो माह में मांगा केंद्र और राज्य सरकार से यह जवाब
नोएडा : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बड़े पैमाने पर हो रहे अनधिकृत निर्माण पर चिंता जताई है। साथ ही केंद्र, उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन को नोटिस जारी करते हुए दो माह में जवाब मांगा है।
गाजियाबाद निवासी राजेंद्र त्यागी की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने यह आदेश दिया है। जिसमें आरोप लगाया गया था कि कॉलोनियों, विला, टाउनशिप, दुकानों और घरों में अवैध निर्माण बड़े पैमाने पर हो रहे हैं। गाजियाबाद निवासी राजेंद्र त्यागी पांच बार नगर निगम पार्षद रह चुके है। एनजीटी ने 2 अप्रैल को केंद्र, राज्य और स्थानीय सरकारी निकायों से दो महीने के भीतर जवाब मांगा कि दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया। साथ ही लेआउट को मंजूरी दिए बिना ये निर्माण इतने बड़े पैमाने पर कैसे हो गए।
त्यागी ने मार्च 2024 में एनजीटी में एक याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने गौतमबुद्ध नगर जिले के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध निर्माणों के बारे में एनजीटी को अवगत कराया। उन्होंने इसमें शामिल अनधिकृत निर्माणों और डेवलपर्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। किसी भी बिल्डर ने जिला भूजल प्रबंधन परिषद से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त नहीं किया है, और न ही अपने बोरवेल को पंजीकृत कराया है। किसी के भी लेआउट प्लान को अधिकारियों द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है, कोई भूमि उपयोग रूपांतरण नहीं किया गया है।
इसमें कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति या बिल्डर ने आवासीय, वाणिज्यिक या औद्योगिक उद्देश्यों के लिए कृषि भूमि का उपयोग करने या उपयोग करने का प्रस्ताव करने के लिए जिला प्रशासन से जरुरी मंजूरी नहीं ली। याचिका में कहा गया है, “ग्रेटर नोएडा में 20,000 हेक्टेयर से अधिक उपजाऊ कृषि योग्य भूमि पर अवैध प्लॉटिंग की जा रही है।
ग्रेटर नोएडा के प्रभावित गांवों में धूम मानिकपुर, खैरपुर गुर्जर, मिलक लच्छी, पतवाड़ी, रोजा याकूबपुर, हैबतपुर, शाहबेरी, खेड़ा चौगानपुर शामिल हैं। याचिका में कहा गया है कि नोएडा में सोरखा, सलारपुर, सुल्तानपुर, रायपुर, सरफाबाद, गढ़ी चौखंडी, गेझा, नया गांव, शाहदरा, कोंडली समेत अन्य जगहों पर अवैध निर्माण हुए हैं।