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नोएडा सेक्टर-65 व 67 में उद्योगों पर संकट, सरकारी रिकॉर्ड बना बाधा

नोएडा: नोएडा के औद्योगिक सेक्टर फेज-3 में स्थित सेक्टर-65 और 67 के 592 प्लॉटधारकों को आज 25 वर्ष पहले की प्रशासनिक लापरवाही का असर झेलना पड़ रहा है।

इन्हें प्राधिकरण से प्रॉपर्टी मॉर्गेज परमिशन, एफएआर (खरीद योग्य फ्लोर एरिया रेशियो) और कंप्लीशन सर्टिफिकेट हासिल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

सरकारी रिकॉर्ड में ज़मीन आज भी ग्राम समाज की

इन उद्यमियों ने भूमि आवंटन के बाद कब्जा लेकर लीज डीड करवाई, लीज रेंट भरा और करोड़ों रुपये खर्च कर फैक्ट्री लगाई, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिला। लेकिन भूमि के अभिलेखों में आज भी यह ज़मीन ग्राम समाज (पशुचर भूमि) के नाम पर दर्ज है। यह जमीन गढ़ी चौखंडी, मामूरा और बसई ब्रौदहीन गांवों की है।

2015 में सामने आई ज़मीन विवाद की सच्चाई

उद्यमियों को पहली बार 2015 में दादरी तहसील से नोटिस मिलने पर इस ज़मीन विवाद की जानकारी हुई। हर यूनिट को 1.75 से 8 करोड़ रुपये तक की रिकवरी और ज़मीन सील करने की चेतावनी दी गई। इससे घबराए उद्यमी नोएडा एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन (NEA) के पास पहुंचे।

वर्षों से लंबित है समाधान, अब फिर बढ़ा तनाव

हाल ही में जब दोबारा 100 उद्यमियों को नोटिस मिले, तो मामला फिर गरमा गया। अब एक बार फिर से आवंटियों ने एनईए से संपर्क कर मदद की गुहार लगाई है। उद्यमियों की चिंता यही है कि करोड़ों रुपये निवेश करने के बावजूद उन्हें कानूनी सुरक्षा और ज़रूरी अनुमतियां नहीं मिल पा रही हैं

Divya Gupta

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