×
crimeग्रेटर नोएडानोएडानोएडा वेस्ट

कुख्यात सुंदर भाटी जमानत पर जेल से बाहर आया, रिहाई के बाद गुपचुप ढंग से दिल्ली पहुंचा, पुलिस तंत्र सक्रिय  

ग्रेटर नोएडा  (फेडरल भारत न्यूज) : बात-बात पर अपनी पीठ स्वयं ठोकने वाली गौतमबुद्ध नगर की पुलिस को कानो-कान खबर भी नहीं हुई और कुख्यात सुंदर भाटी हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वाराणसी जेल से बाहर आ गया। सुंदर भाटी रिहा होने के बाद विमान से दिल्ली पहुंच गया। भाटी पर हत्या और रंगदारी के 60 से अधिक मामले दर्ज हैं। रिहाई बेहद गुपचुप तरीके से की गई। आशंका जताई जा रही है कि पश्चिमी यूपी में एक बार फिर गैंगवार की चिंगारी भड़क सकती है। उसके लारेंस बिश्नोई गिरोह से भी काफी करीबी रिश्ते बताए जा रहे हैं।
जमानत मिलने के बाद दिल्ली पहुंचा भाटी
नोएडा के दादूपुर प्रधान और सपा नेता हरेंद्र नागर और उनके गनर भूदेव शर्मा की हत्या में भाटी आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। पश्चिमी यूपी पर आतंक का पर्याय माने जाने वाले गैंगस्टर सुंदर भाटी को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई और सोनभद्र की जेल से रिहा होकर वह फ्लाइट पकड़कर सीधा दिल्ली पहुंचा।


अतीक-अशरफ हत्याकांड से भी जुड़ा नाम
याद होगा कि प्रयागराज में 15 अप्रैल2024 को माफिया अतीक अहमद और उसके गैंगस्टर भाई अशरफ की तीन शूटर्स ने गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी। जिन शूटरों ने अतीक को मारा था, उनमें एक सुंदर भाटी के साथ हमीरपुर जेल में बंद था। बताया जा रहा है कि शूटर के पास जो जिगाना पिस्टल मिली थी, वह सुंदर भाटी के माध्यम से ही उन्हें मिली थी। 6 जनवरी 21 में हुई अजीत सिंह की हत्या में भी सुंदर भाटी का नाम आया था।
रवि काना हो सकता निशाने पर
फिलहाल जेल में बंद रविंद्र नागर उर्फ रविकाना सुंदर भाटी के निशाने पर आ सकता है। रवि काना सपा नेता हरेंद्र नागर का भाई है। हरेंद्र नागर की हत्या के मामले में वह मुख्य गवाह है। रविकाना के जेल चले जानेके बाद सुंदर भाटी का निगाहें करोड़ों के स्क्रैप कारोबार पर हो सकती हैं। सुंदर भाटी का एक मुख्य प्रतिद्वंद्वी अनिल दुजाना पिछले साल यूपी एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा जा चुका है। अपराध क्षेत्रों में यह भी चर्चा है कि सुंदर भाटी और लारेंस गिरोह के तार कहीं न कहीं जुड़े हुए हैं। पुलिस को की मामलों में इन दोनों गिरोह के कनेक्शन मिले हैं। बाबा सिद्दकी हत्या के बाद गुजरात की गांधीनगर जेल में बंद लारेंस बिश्नोई का नाम भी इनदिनों काफी सुर्खियों में है।

 

 

 

 

 

 

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Tags

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Related Articles

Back to top button
Close