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दिल्ली

अब हेलमेट पहनने के बावजूद कट सकता है चालान

दो हजार रुपये का होगा,  क्यों कटेगा चालान, जानें क्या है नया नियम

नई दिल्ली। बिना हेलमेट पहने मोटरसाइकिल चलाने पर चालान होना तो आपने सुना ही होगी। लेकिन अब हेलमेट पहनकर चलने के बावजूद आपका चालान कट सकता है। यह चालान भी कोई छोटा-मोटा नहीं, बल्कि दो हजार रुपये का होगा। आप यह बात जानकर हैरान हो रहे होंगे लेकिन यह सच है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने अपने संशोधित नियमों को अधिसूचित (नोटिफाइड) कर दिया है।

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के नियमों के मुताबिक देश में दोपहिया वाहनों के लिए केवल बीएसआई प्रमाणित हेलमेट के निर्माण और बिक्री की अनुमति है। यानी आपको मोटरसाइकिल या स्कूटर चलाते समय केवल आईएसआई मार्क वाला हेलमेट ही पहनना होगा। अगर आप दोपहिया चलाते समय कोई घटिया क्वालिटी का या बिना आईएसआई मार्क वाला हेलमेट पहने मिलते हैं तो मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 194डी एमवीए के तहत आप पर एक हजार रुपये का चालान किया जा सकता है।

यही नहीं, अगर आपने हेलमेट  पहने होने के बावजूद उसे सिर से बांधे रखने वाले पट्टी टाइट कर नहीं पहनी है तो भी आप पर एक हजार रुपये का जुर्माना लग सकता है। कुल मिलाकर इस बात को ऐसे समझिए कि आप बिना आईएसआई मार्क वाला हेलमेट पहनकर घर से निकलते हैं और उस हेलमेट की पट्टी भी नहीं बांधते हैं तो सिर पर हेलमेट होने के बावजूद आपका दो हजार रुपये का चालान कट जाएगा। आप ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को चाहें कितनी भी दलील दें लेकिन चालान कुछ ही सेकंड में आपके हाथों मे आ जाएगा।

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने कुछ नियमों में हाल में बदलाव भी किए हैं। नए नियमों के मुताबिक अब दोपहिया पर बच्चों को ले जाते वक्त उनके लिए स्पेशल हेलमेट  और हार्नेस बेल्ट का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा। यह बेल्ट बच्चों को चलते मोटरसाइकिल या स्कूटर पर गिरने से रोकती है। इसी के साथ ही बच्चों के साथ यात्रा करने पर वाहनों की स्पीड भी 40 किलोमीटर प्रति घंटा नियत कर दी गई है। ऐसा न करने पर ड्राइविंग लाइसेंस तीन महीने तक निलंबित (सस्पेंड) करने के साथ ही एक हजार रुपये जुर्माना भी लग सकता है।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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