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अब खैर नहीं ! फेक न्यूज फैलाने वालों की निगरानी के लिए उप्र में बनाए जाएंगे डिजिटल वॉलिंटियर

लखनऊ (FBNews) : सावधान! अब फेक न्यूज फैलाने वालों की खैर नहीं।फेक न्यूज और साइबर क्राइम की चुनौतियों से निपटने के लिए उप्र की पुलिस राज्यभर में नए और अभिनव अभियान की शुरुआत करने जा रही है। प्रदेश के प्रत्येक जिले में डिजिटल वॉलिंटियर बनाए जाएंगे, जो सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर सक्रिय रहने के साथ-साथ स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम चलाएंगे। साथ ही पुलिस की आंख और कान का भी काम करेंगे।
डीजीपी बोले, फेक न्यूज सबसे बड़ी चुनौती
उप्र के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने आज इसे लेकर वीडियो जारी किया है, जिसमें नये अभियान की विस्तृत रूपरेखा का जिक्र करते हुए युवाओं से इस अभियान से जुड़ने की अपील की है। डीजीपी ने कहा कि फेक न्यूज आज की सबसे बड़ी और कठिन चुनौती के रूप में उभर रही है। असामाजिक और अराजक तत्व फेक न्यूज के माध्यम से प्रदेश में सौहार्द और अमन के वातावरण को खराब करने की कोशिश करते हैं। इससे निपटने के लिए उप्र के सभी जिलों में डिजिटल वॉलिंटियर बनाएंगे, इसके लिए अभियान चलाकर पंजीकरण कराया जाएगा। डिजिटल वॉलिंटियर दो तरह से काम करेंगे, एक सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों जैसे वाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, एक्स(पहले टिवटर) पर चलने वाली फेक न्यूज के बारे में अवगत कराएंगे। साथ ही आसपास होने वाली छोटी-मोटी घटनाओं के बारे में चौकी-थाना स्तर पर सूचना देने का काम करेंगे, ताकि समय रहते पुलिस कार्रवाई करके बड़ी घटना होने से रोक दे।

स्कूल-कॉलेजों में बनेंगे साइबर क्लब
उन्होंने कहा कि आज के तकनीक और प्रौद्योगिकी के इस दौर में साइबर क्राइम पुलिस और आर्थिक जगत से जुड़े लोगों के लिए बड़ी चुनौती के रूप में उभर रहा है। फिलहाल प्रत्येक जिले में साइबर क्राइम की रोकथाम की लिए पुलिस थाने और साइबर सेल काम कर रहे हैं, इसके बावजूद इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि साइबर क्राइम पर प्रभावी अंकुश नहीं लग पा रहा है। अब पुलिस डिजिटल वॉलिंटियर के माध्यम से स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम करेगी और साइबर क्लब स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए शिक्षकों को नोडल अधिकारी बनाकर रोकथाम और जागरुकता के लिए उनकी मदद ली जाएगी। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि पुलिस की सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर फिलहाल सीमित पहुंच है। लेकिन डिजिटल वॉरियर के माध्यम से यह पहुंच और बढ़ाई जाएगी।
प्रयागराज महाकुंभ में होंगी फुलप्रूफ व्यवस्थाएं
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि वर्ष 2018 में भी डिजिटल वॉलिंटियर बनाए गए थे। जिनके जरिये वाट्सएप जैसे प्लेटफार्म तक पुलिस की पहुंच बनी। अब इसका और नये ढंग से विस्तार किया जा रहा है। जिससे अन्य प्लेटफार्म तक पुलिस की पहुंच मजबूत हो जाए। इसका एक उद्देश्य यह भी है कि फेक न्यूज और साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए युवाओं के नए-नए विचारों को पुलिस जान सकेगी। उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ 2025 का भी विशेष तौर पर उल्लेख करते हुए बताया कि महाकुंभ के आयोजन को देखते हुए पुलिस के स्तर पर काफी पुख्ता व्यवस्थाएं की जा रही हैं। महाकुंभ का किसी भी तरह के साइबर अटैक से बचाना हमारी प्राथमिकता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा वैश्विक समागम है। जिसमें 30 से 40 करोड़ लोग शामिल होंगे। सभी को सुरक्षा प्रदान किया जाना हमारी दायित्व है।

 

 

 

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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