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मुख्यमंत्री के निशाने परः सुस्त जिलाधिकारियों, सहित प्राधिकरणों, थानों, तहसीलों की सूची तैयार कार्रवाई की तैयारी

जनसमस्याओं, शिकायतों के निस्तारण में हुई खूब हीलाहवाली, मुख्यमंत्री हुए नाराज, गौतमबुद्ध नगर है इससे अछूता, खूब सुनीं गई शिकायतें, निस्तारण की हुआ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनसमस्याओं के निस्तारण में हीलाहवाली पर कुछ जिलों के जिलाधिकारियों सहित विभिन्न स्तर के अधिकारियों से काफी नाराज हैं। बार-बार की नसीहतों और निर्देशों के बावजूद वे अपनी कार्यशैली में सुधार के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे लोगों की बकायदा सूची तैयार की गई है। सूची में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।

तहसील व थाने स्तर तक की सूची

सुस्त अधिकारियों और कर्मचारियों की जो सूची तैयार की गई है उनमें मंडल स्तर से लेकर तहसील और थाने तक शामिल हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने जन समस्याओं और शिकायतों की सुनवाई में लापरवाही बरती है। उनका निस्तारण करना तो दूर की बात है। ऐसे लोगों पर कार्यवाही तय मानी जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास थाना-तहसील से लेकर शासन स्तर तक की रिपोर्ट पहुंच चुकी है।फरियादियों की संतुष्टि ही अफसरों की परफार्मेंस तय करेगी और उसी के आधार पर उनकी ट्रांसफर और पोस्टिंग भी होगी।

प्राथमिकता जन शिकायतों का निस्तारण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता में जनशिकायतों और समस्याओं का निस्तारण है। वह प्रदेश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो निरंतर जनता दर्शन के माध्यम से लोगों की समस्याओं के निस्तारण के आदेश देते हैं। इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने निचले स्तर पर शिकायतों के समाधान में लापरवाही को काफी गंभीरता से लिया है और नाराजगी जाहिर की है।

खराब प्रदर्शन वाले अधिकारियों को पत्र

मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र की ओर से खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को पत्र भेजा जा रहा है। उनके खिलाफ कार्यवाही के लिए उनके जवाब का इंतजार किया जा रहा है। कार्यवाही किस स्तर की होगी, उनके जवाब पर निर्भर रहेगा। सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) ने आईजीआरएस और हेल्पलाइन की रैंकिंग में टॉप टेन अच्छा प्रदर्शन करने वाले और सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले अफसरों की सूची तैयार की है। रैंकिंग में टॉप टेन सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले अफसरों पर गाज गिरने की संभावना है। बेहतर कार्य करने वाले अफसर पुरस्कृत होंगे। उनकी बेहतर और मनवांछित पोस्टिंग के रूप में यह पुरस्कार सामने आ सकता है।

10 जिलाधिकारी सबसे फिसड्डी

तैयार सूची के अनुसार 10 जिलों के जिलाधिकारी सबसे अधिक फिसड्डी साबित हुए हैं। इनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। इनमें बलरामपुर, गाजीपुर, मिर्जापुर, वाराणसी, जौनपुर, एटा, अयोध्या, कन्नौज, संत कबीरनगर, सिद्धार्थनगर शामिल हैं। मुख्य सचिव ने इनसे स्पष्टीकरण मांगा है।

पुलिस कप्तान भी फिसड्डी

खराब प्रदर्शन करने वालों में पुलिस कप्तान भी शामिल हैं। जो सूची तैयार की गई है और आईजीआरएस (IGRS) पर आई शिकायतों का निस्तारण नहीं करने का आरोप है उनमें पुलिस कमिश्नर, कानपुर, गोंडा, कानपुर देहात, सुल्तानपुर, सीतापुर, अमेठी, कुशीनगर, बांदा, उन्नाव, बहराइच जिलों के पुलिस प्रमुख शामिल हैं।

पांच मंडलायुक्त भी शामिल

खराब प्रदर्शन करने वालों की सूची में पांच मंडलायुक्त भी शामिल हैं। इनमें प्रयागराज, आजमगढ़, मिर्जापुर, गोरखपुर, वाराणसी के मंडलायुक्त शामिल बताए गए हैं।

नगर आयुक्त भी फिसड्डी

शासन की योजनाओं के अमल में खराब प्रदर्शन करने विभिन्न नगर निगमों के नगर आयुक्त भी शामिल हैं। इनमें सहारनपुर, कानपुर, मेरठ नगर आयुक्त का प्रदर्शन खराब बताया गया है। इनके झांसी, गाजियाबाद नगर आयुक्त का प्रदर्शन भी निराशा निराशाजनक रहा है।

खराब प्रदर्शन करने वालों में पांच प्राधिकरण भी

प्रदेश में सबसे अधिक खराब प्रदर्शन वालों में पांच विकास प्राधिकरण भी बताए गए हैं। खराब प्रदर्शन वाले प्राधिकरणों की सूची में मुरादाबाद, उन्नाव, मुजफ्फरनगर, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष (वीसी) फिसड्डी बताए गए हैं।

खराब प्रदर्शन में दस विभाग भी

खराब प्रदर्शन करने वाले विभागों की सूची में आयुष, नागरिक उड्डयन,अल्पसंख्यक विभाग, कारागार विभाग, न्याय विभाग, खेल विभाग, एमएसएमई (MSME), आबकारी विभाग, प्राविधिक शिक्षा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विभाग फिसड्डी बताए गए हैं।

10 तहसील भी शामिल

खराब प्रदर्शन करने वालों में मोदीनगर, चांदपुर, बलरामपुर, मिर्जापुर, पलिया, गाजियाबाद, उतरौला, सवायजपुर, महराजगंज रायबरेली तहसील के प्रदर्शन निराशाजनक पाए गए हैं।

दस थानों पर भी गाज गिरना तय

काम में लापरवाही करने वाले 10 थानों की सूची में संदीपनघाट कौशांबी, बघौचघाट देवरिया, शिवगढ़ सुल्तानपुर, कोतवाली शामली, कोतवाली देहात बहराइच, बिलसांडा पीलीभीत, जहांगीपुर बुलंदशहर, ग्वालटोली कानपुर, चितईपुर काशी, बेहटा गोकुल हरदोई थाने का प्रदर्शन खराब पाया गया है।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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