साइबर फ्राड : पॉर्न वीडियो स्कैम में शामिल होने का भय दिखाकर नेत्र रोग विशेषज्ञ महिला डाक्टर से 59 लाख रुपये की ठगी
नोएडा (फेडरल भारत न्यूज) : गौतमबुद्धनगर जिले में एक और महिला साइबर क्राइम के जालसाजों को शिकार बन गई। महिला डाक्टर को पोर्न वीडियो स्कैम में शामिल होने का भय दिखाकर जालसाजों ने 59 लाख रुपये की ठगी कर ली। डाक्टर को लगभग 48 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। सेक्टर-77 निवासी डॉ. पूजा गोयल की शिकायत पर साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
48 घंटे तक महिला चिकित्सक को रखा डिजिटल अरेस्ट
सहायक पुलिस आयुक्त साइबर क्राइम विवेक रंजन राय के अनुसार डॉ. पूजा दिल्ली के एक अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं और नोएडा में सेक्टर 77 में रहती हैं। पुलिस को दी शिकायत में डॉ. पूजा गोयल ने बताया कि 13 जुलाई को उनके पास एक नंबर से कॉल आई। फोन करने वाले ने टेलीफोन रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया का कर्मचारी बताते हुए कॉल कथित तौर पर मुंबई के तिलक नगर पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर दी। वहां से बताया गया कि उनके मोबाइल नंबर से पोर्न वीडियो भेजे जा रहे हैं। इसके साथ ही पोर्न वीडियो स्कैम में शामिल होने का आरोप लगाते हुए अरेस्ट वारंट जारी होने की जानकारी की बात कही।
मनी लान्ड्रिंग में दी थी फंसाने की धमकी
पुलिस ने बताया कि महिला डाक्टर को मनी लॉन्ड्रिंग केस में नरेश गोयल के साथ सामने आने की बात कही और साथ ही साइबर ठगों ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत केस दर्ज करने की धमकी दी। साइबर ठगों ने महिला चिकित्सक की बेटी का अपहरण करने और जीवन बर्बाद करने की धमकी भी दी। इससे बाद स्काइप कॉल पर रखकर डराकर करीब 48 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया।
15 जुलाई को किए थे खातों में 59.54 लाख ट्रांसफर
इससे डरकर डॉ. पूजा ने 15 जुलाई को 59.54 लाख रुपये जालसाजों के बताये खातों में ट्रांसफर कर दिए। जब जालसाजों ने महिला पर और पैसे ट्रांसफर करने का दबाव बनाना शुरू किया तब उन्हें ठगी की आशंका हुई। इसके बाद महिला चिकित्सक ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने में की। साइबर क्राइम थाने की पुलिस मामले की जांच कर रही है।
डिजिटल अरेस्ट
साइबर एक्सपर्ट मुकेश चौधरी बताते हैं कि डिजिटल अरेस्ट क्राइम का नया तरीका है, जिसके जरिए अपराधी लोगों को बंधक बना लेते हैं। खुद को पुलिस, सीबीआई, कस्टम अथवा अन्य किसी एजेंसी का अफसर बताकर धमकी देते हैं कि उनके खिलाफ कोई गंभीर प्रकरण दर्ज है। फिर पैसे की वसूली की जाती है। लोगों को इस तरह से भयभीत किया जाता है कि वह साइबर जालसाजों के फंदे में फंसकर बेबस हो जाता है।