सोरखा का आर्ष कन्या गुरुकुल बंद करने का आदेश, सरकारी जमीन पर बना था, मान्यता के बिना हो रहा था संचालित
विवादों से पुराना नाता है गुरुकुल का
अक्सर विवादों में रहने वाले इस कन्या गुरुकुल में सैकड़ों छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही थीं। गुरुकुल के पास मान्यता भी नहीं है। इसमें गौशाला का भी संचालन किया जाता है। जिला शिक्षा अधिकारी धर्मवीर सिंह ने बताया कि इस गुरुकुल में अधिकांश लड़कियां हरियाणा की हैं। इनमें अधिकांश हरियाणा के गुरुकुल झज्जर और और एमडी यूनिवर्सिटी, रोहतक से संबद्ध है। इनको डिस्टेंस एजुकेशन की मान्यता के आधार पर पढ़ाया जा रहा है। प्रबंधन से कहा गया है कि लड़कियों को वापस हरियाणा भेजा जाए।
बिना मान्यता से चलाया जा रहा था गुरुकुल
सोरखा गांव में स्थित आर्ष कन्या गुरुकुल लंबे समय से बिना मान्यता के संचालित किया जा रहा था। आरोप है कि कन्या गुरुकुल का निर्माण अवैध रूप से सरकारी जमीन पर किया गया था। आखिरकार पिछले 14 सालों से सोरखा गांव में चल रहे इसल गुरुकुल को बंद करने का आदेश दिया गया। बताया जा रहा है कि लगभग एक माह पहले पुरानी कमेटी को भंग करके नई कमेटी का भी गठन किया गया था। इसका संचालन स्थानीय लोग कर रहे थे। शिक्षा विभाग ने कई बार इसे नोटिस भी जारी किया था।
जांच के बाद लिया फैसला
जिला शिक्षा अधिकारी धर्मवीर सिंह ने कहा कि जांचे के बाद आरोप सही पाए जाने पर आर्ष कन्या गुरुकुल को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय में हरियाणा के झज्जर और रोहतक की छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहीं थी। विद्यालय के पास एमडी यूनिवसिर्टी रोहतक से डिस्टेंस की मान्यता है, जो अपर्य़ाप्त है। प्रबंधन से कहा गया है कि लड़कियां गुरुकुल झज्जर में ही शिक्षा ग्रहण कर सकती हैं।