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आक्रोशः ग्रेनो वेस्ट में 40 फीसद स्ट्रीट लाइट बंद, सूर्या कंपनी को कालीसूची में डालने की मांग फिर से तेज

सूर्या कंपनी को मिला है 42 करोड़ का प्रोजेक्ट लेकिन लाइटों के रखरखाव में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं, बढ़ रहा लोगों का आक्रोश

ग्रेटर नोएडा वेस्ट। ग्रेनो वेस्ट में स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव की जिम्मेदारी सूर्या कंपनी की है लेकिन लाइटें नहीं जल रही हैं और इसकी शिकायत करने पर कंपनी के अधिकारी ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। नेफोवा ने इस कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर अन्य कंपनी को कार्य सौंपने की मांग की है।

सूर्या कंपनी को मिला है 42 करोड़ का प्रोजेक्ट

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने  पुरानी पीली लाइटों को एलईडी में बदलने और स्मार्ट पैनल लगाने का कार्य सूर्या रौशनी कंपनी को दिया हुआ है। लगभग 42 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत सात साल तक स्ट्रीट लाइटों का रखरखाव भी शामिल है। सूर्या कंपनी ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अधिकांश सेक्टरों और सडकों पर पीली लाइटों के बदले एलईडी लाइट और स्मार्ट पैनल तो लगा दिया है परन्तु फिर भी सडकों पर रोशनी और चकाचौंध पुरानी पीली लाइटों के मुकाबले बहुत कम है।

सेक्टरों की सड़क पर पूरी लाइट नहीं जलती

नेफोवा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनीष कुमार का कहना है कि ग्रेनो वेस्ट का कोई भी ऐसा सेक्टर और कोई भी ऐसा रोड नहीं है जहां की सभी लाइटें जलती हों। 100 प्रतिशत की बात तो छोड़ ही दीजिए 70 फीसद लाइटें भी नहीं जलती। ग्रेनो वेस्ट निवासी व्हाट्सप्प और ट्वीटर के माध्यम से अंधेरे सडकों की लगातार शिकायतें कर रहे हैं लेकिन सूर्या कंपनी पर पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा, वे लाइटें ठीक करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। रात में भी स्ट्रीट लाइटों का निरीक्षण करने पर अनेक जगहों की लाइटें बंद मिली। इसकी शिकायत विकास प्राधिकरण और सूर्या कंपनी से की गई। इसके बाद कुछ ही जगहों की लाइट चालू हो पाई।

इन स्थानों पर लाइटें ख़राब मिलीं

  1. चारमूर्ति से बिसरख जाने वाले रोड (NX-One की तरफ) पर लागातर 12-15 पोल बंद मिले।
  2. निराला एस्टेट सोसाइटी के कट से हनुमान मंदिर रोटरी तक लागातर 12-15 पोल बंद मिले।
  3. ऐस एस्पायर से चारमूर्ति (अतुल मार्ग) की सभी लाइटें बंद मिलीं। इसे शिकायत के बाद चालू किया गया।
  4. अजनारा होम्स और पंचशील ग्रीन्स-1 के बीच की सभी लाइटें बंद मिलीं।
  5. इकोविलेज-3 और श्री राधा स्काई गार्डन के बीच की सभी लाइटें बंद मिलीं।
  6. एकमूर्ति से गरीनार्क-हिमालया प्राइड सोसाइटी वाली सर्विस रोड की सभी लाइटें बंद मिलीं।
  7. एकमूर्ति का हाई मास्ट लाइट बंद मिला।
  8. एकमूर्ति से ईटेड़ा (छठ तालाब) वाली सर्विस रोड की सभी लाइटें बंद मिलीं।
  9. गैलेक्सी मॉल के पास 130 मीटर रोड की 4-5 लगातार लाइटें बंद मिलीं।
  10. एकमूर्ति गोलचक्कर के पास 130 मीटर रोड के दोनों तरफ 3-4 पोल लगातार बंद मिले।

अजनारा होम्स

अजनारा होम्स के दिनकर पाण्डेय ने बताया कि सेक्टर-16B में अजनारा होम्स और पंचशील ग्रीन्स-1 के बीच की लाइटें 12-15 दिन से नहीं जल रहीं।  प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ साथ ही सूर्या कंपनी के अधिकारियों को भी सूचित किए हुए 12-13 दिन से ऊपर हो गए लेकिन अभी तक लाइटें ठीक नहीं हुई हैं।

इको विलेज-3

इको विलेज-3 के निवासी मृत्युंजय झा ने बताया कि इको विलेज-3 और श्री राधा स्काई गार्डन के बीच की सभी लाइटें कई दिनों से बंद है।  रोजा चौक से निराला एस्पायर तक 60m रोड की कई लाइटें कई महीनों से बंद है और कई बार इन्हे ठीक करने का निवेदन किया गया है लेकिन लाइटें ठीक नहीं हो रहीं।

पंचशील ग्रीन्स

पंचशील ग्रीन्स-2 के निवासी दीपांकर कुमार ने बताया कि रोजा चौक से रेलवे रोड की 5-6 लगातार पोल की लाइटें नहीं जलती जिसके वजह से सोसाइटी के सामने अंधेरा रहता है।

लगातार लाइटें न जलने की हो रही शिकायत

ग्रेनो निवासी लाइटें न जलने की लगातार शिकायतें कर रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही लाइटें। महीनों से बंद के बंद पड़े हैं। ऐसा लगता है मानों सूर्या को पेनाल्टी लगने और ब्लैक लिस्ट होने का कोई भय ही नहीं। पूर्व में भी निवासियों ने सूर्या को ब्लैकलिस्ट करने का अभियान चलाया था जिसके बाद सूर्या ने पैनल लगाने के काम में तेजी दिखाया था। लेकिन पैनल भी शायद घटिया क्वालिटी का लगाया गया है जिसके वजह से अक्सर लाइटें समय से नहीं जलती और बुझती है और फिर शिकायत के बाद मैन्युअली जलाया या बुझाया जाता है। पहले बताया गया था कि सभी न जलने वाले लाइटों का मेंटेनेंस जल्दी ही कर दिया जाएगा लेकिन महीनो उपरांत भी हालत में कोई सुधार होने के बदले और बिगड़ते जा रहे हैं। शिकायतों की ओर ध्यान नहीं देने से यहां के निवासियों में सूर्या कंपनी के प्रति आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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