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आक्रोशःअधेरा दूर करने व सड़कों को गड्ढामुक्त कराने के लिए किसानों टोल प्लाजा पर धावा

लुहारली टोल प्लाजा पर धऱना दे रहे किसानों को मनाने में जुटे वरिष्ठ अधिकारी, मांग पूरी होने तक धरना देने पर अड़े

ग्रेटर नोएडा। दादरी स्थित लुहारली टोल प्लाजा पर किसानों ने मंगलवार को हल्ला बोल दिया। उन्होंने अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए टोल प्लाजा पर धरने पर बैठ गए। इस धरने में टोल प्लाजा के आसपास के 40 गांवों के किसान शामिल हैं। प्रशासनिक व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी किसानों को समझाने बुझाने में लगे हुए हैं।

क्या है किसानों का कहना

धरना दे रहे किसानों का कहना है कि टोल प्लाजा और इसके आसपास एक्सप्रेस-वे पर काफी गड्ढे हो गए हैं। ये गड्ढे इतने गहरे हो गए हैं कि आए दिन हादसे होते रहते हैं। इन गड्ढों में फंसकर कई वाहन पलट चुके हैं और कई लोगों की मौत हो चुकी है। एंबुलेंस जैसे अत्यावश्यक वाहनों को भी आने-जाने में काफी परेशानी होती है।

प्रदेश सरकार सड़कों को गड्ढे मुक्त कराने के प्रयास में है। इसी प्रयास के तहत प्रदेश के विभिन्न इलाकों की सड़कें गड्ढामुक्त कर दी गई हैं लेकिन एक्सप्रेस वे पर मौजूद गड्ढों को अभी तक नहीं भरा गया है।

एक्सप्रेस-वे पर रहता है अंधेरा

धरना दे रहे किसानों का कहना है कि एक्सप्रेस-वे सहित सड़कें अंधेरे में डूबी हुई हैं। रात में स्ट्रीट लाइट नहीं जलतीं। इसके कारण भी अंधेरे में गड्ढा दिखाई नहीं देने के कारण हादसे होते हैं और लोग अपनी जान गवां देते हैं। स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था तुरंत कर सड़कों को अंधेरे से मुक्त किया जाना चाहिए।

समस्या समाधान होने तक धरना जारी रहेगा

किसानों के धरने को देखकर अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए हैं। मौके पर एसडीएम और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी किसानों को समझाने-बुझाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन किसानों ने साफ कह दिया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक धरना जारी रहेगा। उनका कहना है कि सड़कों को गड्ढामुक्त करने में लापरवाही बरती जा रही है। इसके लिए जो भी अधिकारी दोषी हो उसके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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