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आक्रोशः किसान नेता को छुड़ाने के लिए महिलाओं ने दादरी थाने को घेरा

पुलिस के खिलाफ हुई जमकर नारेबाजी, कई किसानों को पुलिस ने किया है गिरफ्तार

ग्रेटर नोएडा किसान नेता सुनील फौजी की को छोड़ने की मांग को लेकर यहां दादरी थाने का लोगों ने घेराव किया। इस घेराव में काफी संख्या में महिलाएं शामिल थीं।

क्या है मामला

अपनी मांगों के समर्थन में किसान पल्ला गांव में धरना दे रहे थे। उन्हें धरने से हटाने के लिए भारी पुलिस बल के साथ अधिकारी पहुंचे। यहां किसान धरने से उठने के लिए तैयार नहीं हुए। इस पर पुलिस और किसानों के बीच तीखी झड़प हो गई। अधिकारियों ने किसानों को समझाने का प्रयास किया लेकिन किसान फिर भी नहीं माने। इस पर किसानों की गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू हो गया। इन्हीं गिरफ्तार किसानों में किसान नेता सुनील फौजी भी शामिल हैं। उन्हें और अन्य गिरफ्तार किसानों को छुड़ाने के लिए किसानों और महिलाओं ने थाने का घेराव किया। उन्होंने पुलिस के खिलाफ यहां जमकर नारेबाजी की।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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